India’s Chandrayan-3 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बुधवार को चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का ऐलान किया है। इसरो द्वारा यह प्रक्षेपण 13 जूलाई को ढ़ाई बजे किया जाएगा। इसके साथ ही इसरो प्रमुख ने कहा है कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान पूरी तरह से तैयार है और इसके प्रशिक्षण का काम भी पूरा कर लिया गया है।चंद्रयान-2 की असफलता के बाद चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से लैंडिंग और वहां गतिविधियां करने की क्षमता प्रदर्शित का यह एक अभियान की तरह ही होगा।
आपको बता दें कि इस मिशन में लैंडर और रोवर का कॉन्फ़िगरेशन दिया गया है। वहीं अधिकारियों ने कहा है कि इस अंतरिक्ष यान की लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च व्हीकल मार्क-III के जरिये किया जाएगा। जिसके लिए इसरो के अधिकारियों द्वारा 13 जुलाई को दोपहर ढ़ाई बजे का समय लॉन्चिंग के लिए निर्धारित किया गया है। इस लॉन्च का मेन उद्देश्य लैंडर और रोवर को 100 किमी अंदर तक चंद्रमा की कक्षा में ले जाने की तैयारी की गई है। इसके साथ ही इसमें एक ‘स्पेक्ट्रो-पोलरमेट्री’ पेलोड को भी जोड़ा गया है चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के ध्रुवीय मापन का अध्ययन किया जाएगा। इसके अलावा सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत द्वारा होने वाली पहली आदित्य-एल1 मिशन के बारे में इसरो प्रमुख ने कहा कि इसकी लॉन्च तिथि की योजना 10 अगस्त कि बनाई जा रही है।
वहीं भारत ने अमेरिका के साथ जिस आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किया है उस विषय पर बताते हुए इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा की “हम आर्टेमिस समझौते को अमेरिका के साथ एक राजनीतिक जुड़ाव के रूप में देख रहे हैं। यह इरादे को दर्शाता है कि अमेरिका विशेष रूप से अंतरिक्ष क्षेत्र में विभिन्न देशों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बाहरी ग्रहों की खोज के लिए सहयोगात्मक कार्य का प्रस्ताव दे रहा है और हम इससे सहमत हैं।” इसके आगे उन्होंने कहा, हम आगे अमेरिका के साथ काम करना चाहते हैं खासकर उच्च स्तर की प्रौद्योगिकियों पर। इससे भारतीय उद्योगों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियों के साथ समान रूप से काम करने का ज्यादा अवसर मिलेगा।