भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 17 फरवरी 2024 को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से INSAT-3D उपग्रह को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। यह उपग्रह मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करेगा, जिससे देश में मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने में मदद मिलेगी।
INSAT-3D उपग्रह
INSAT-3D उपग्रह श्रृंखला का तीसरा उपग्रह है। यह उपग्रह भू-स्थिर कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो पृथ्वी के साथ घूमता है। यह उपग्रह 6-चैनल इमेजर और 19-चैनल साउंडर मेट्रोॉलॉजी पेलोड से लैस है, जो विभिन्न मौसम संबंधी डेटा प्रदान करेगा।
INSAT-3D उपग्रह की विशेषताएं
यह उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसका वजन 2,274 किलोग्राम है। इसमें 6 चैनल इमेजर और 19 चैनल साउंडर मेटियोरोलॉजी पेलोड हैं। यह उपग्रह भारत के मौसम संबंधी उपग्रहों की श्रृंखला में तीसरा है।
उपग्रह के लाभ
INSAT-3D उपग्रह से प्राप्त डेटा का उपयोग मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए किया जाएगा। इससे किसानों को अपनी फसलों के लिए बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी। यह उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि चक्रवात, बाढ़ और सूखा की भविष्यवाणी करने में भी मदद करेगा। यह उपग्रह समुद्री गतिविधियों और जल संसाधन प्रबंधन के लिए भी उपयोगी होगा।
ISRO की उपलब्धि
INSAT-3D उपग्रह का प्रक्षेपण ISRO के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की प्रगति को दर्शाता है। इस उपग्रह से प्राप्त डेटा देश के विकास और लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बधाई दी
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने ISRO को INSAT-3D उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपग्रह देश के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है और यह मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने में मदद करेगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO को इस उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।