Mata Vaishno Devi मंदिर के शांत परिदृश्य और आध्यात्मिक माहोल के बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य की दो दिवसीय यात्रा के दौरान एक स्काईवॉक और एक दुबारा से बनाये नए पार्वती भवन का उद्घाटन किया। इस ख़ास अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ राष्ट्रपति ने मंदिर में कई तीर्थयात्री-केंद्रित सुविधाओं का अनावरण किया।
14 महीनों में पूरा हुआ निर्माण
Mata Vaishno Devi तीर्थ स्थल में 15.69 करोड़ रुपये की लागत से केवल 14 महीनों में पूरा हुआ 250 मीटर लंबा स्काईवॉक मौजूदा ट्रैक से 20 फीट ऊपर है। इसका उद्देश्य मनोकामना भवन और गेट नंबर-3 के बीच तीर्थयात्रियों के आगमन और भीड़भाड़ से संबंधित मुद्दों का समाधान करना है, जहां 2022 में नए साल के दिन एक दुखद भगदड़ मचने के कारन हादसा हुआ था।
स्काईवॉक में आधुनिक सुविधाएं दी गयी हैं, जिनमें लकड़ी का फर्श, एक वेटिंग रूम, लगभग 150 तीर्थयात्रियों के लिए बैठने की जगह, एलईडी स्क्रीन, रेस्ट कक्ष और दो आपातकालीन निकास शामिल हैं। भीड़भाड़ को कम करने और प्रबंधन को बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास मार्ग भी बांये गए हैं।
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पार्वती भवन का भी किया उद्घाटन
राष्ट्रपति मुर्मू ने पुनर्निर्मित पार्वती भवन का भी उद्घाटन किया, जो 1,500 डिजिटल लॉकर, एक प्रतीक्षालय और तीर्थयात्रियों के अनुकूल वॉशरूम और शौचालयों बनाया गया है। एक ही छत के नीचे सेवाओं का यह भवन क्षेत्र में लॉकर सुविधाओं और स्नान स्थानों की तलाश करने वाले Mata Vaishno Devi तीर्थयात्रियों की संख्या को देख कर उनकी सुविधा के लिए बनाया गया है। पार्वती भवन अब स्काईवॉक से जुड़ गया है, जिससे तीर्थयात्री अपना सामान जमा करने के बाद सीधे मंदिर की ओर बढ़ सकेंगे। Mata Vaishno Devi पार्वती भवन प्रतिदिन 10,000 से 15,000 तीर्थयात्रियों को एकोमोडेशन के साथ बनाया गया है।
इस पहल की राष्ट्रपति मुर्मू ने की सराहना
राष्ट्रपति मुर्मू ने तीर्थयात्रा के अनुभव को बढ़ाने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में Mata Vaishno Devi श्राइन बोर्ड द्वारा की गई इस पहल की सराहना की।उपराज्यपाल सिन्हा ने राष्ट्रपति को मंदिर के बुनियादी ढांचे के उन्नयन और विस्तार के लिए चल रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी, जिसका उद्देश्य तीर्थयात्रियों के लिए सुविधा प्रदान करना और यादगार अनुभव बनाना है। अपनी वापसी पर, राष्ट्रपति ने एक यात्री रोपवे के माध्यम से भैरों मंदिर का भी दर्शन किया।