Mission Sickel Cell Anemia: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में स्थित लालपुर गांव में एक नए मिशन का शुभारंभ किया। यह मिशन है राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047। इस मिशन के तहत साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह एक ऐसी बिमारी है जो लगभग देश के सभी राज्य मे फैल रही है, विशेषकर यह बीमारी आदिवासियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। इस बिमारी ने देश के लगभग 7 करोड़ से ज्यादा आदिवासी लोगों को अपनी चपेट मे लिया है। इस बिमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बजट 2023 के भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बिमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस कार्यक्रम के दौरान आयुष्मान भारत के तहत 3.57 करोड़ डिजिटल कार्ड और एक करोड़ से अधिक पीवीसी आयुष्मान भारत कार्ड भी वितरित किया गया।
क्या है सिकल सेल एनीमिया बिमारी?
सिकल सेल एनीमिया एक रक्त से संबंधित बिमारी है। यह एक तरह का हेरिडिटरी डिसौडर है जो कि माता पिता से बच्चों में आता है। इस बिमारी से शरीर में ऑक्सीजन ले जाने वली रेड ब्लड सेल्स डैमेज हो जाती है। जिसके कारण प्रभावित व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा में कमी हो जाती है और वह थकान महसूस करता है। जिस व्यक्ति को सिकल सेल एनीमिया जैसी बिमारी होती उसे ब्लड सर्कुलेशन मे कमी या रुकावट हो जाती है। इस बिमारी के कई लक्षण होते हैं जो आमतौर पर बिमारी होने के छः महीने बाद से दिखते हैं। इस बिमारी से पीड़ित व्यक्ति में आमतौर पर हाथ, पैर और जोड़ों में दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, बार-बार पीलिया, लीवर में सूजन, मूत्राशय में रुकावट/दर्द और पित्ताशय की पथरी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इस बीमारी से पीड़ित रोगियों को डॉक्टरों द्वारा को सिकल सेल कैरियर या सिकल रोगी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
क्या उद्देश्य है राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का?
राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के मिशन के तहत आदिवासी क्षेत्रों में इस बिमारी से प्रभावित 0 से 40 वर्ष की आयु के लगभग 7 करोड़ लोगों के बीच जागरूकता फैलाना और इनका उचित इलाज कर इस बिमारी को जड़ से खत्म करना है। इस मिशन को तकरीबन 17 राज्यों के 278 जिलों में लागू किया जाएगा। इन 17 जिलों में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड शामिल हैं। इस मिशन का नेतृत्व भारत सरकार की तरफ से किया जाएगा। वहीं इस बिमारी को भारत के स्वतंत्रता की शताब्दी के वर्ष तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।