Neet UG Success: महाराष्ट्र का गढ़चिरौली और मेलघाट इलाका जो अक्सर नक्सलवाद और असामाजिक गतिविधियों के कारण सुर्खियों में रहता है। वहां के रहने वाले करीब 16 छात्रों ने नीट-यूजी की परीक्षा पास कर डॉक्टर बनने के अपने सपनों को साकार किया है। आपको बता दें कि इस सप्ताह मंगलवार को नीट के नतीजे घोषित किए गए थे जिसमें इन बच्चों ने अच्छा नंबर लाकर इलाके का नाम रोशन किया है।
महाराष्ट्र के इन विदर्भ क्षेत्रों के ये उम्मीदवार उन 30 छात्रों के ग्रुप में शामिल थे, जिन्हें पुणे में बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रों और पूर्व छात्रों की ओर से स्थापित एक संगठन ‘लिफ्ट फॉर अपलिफ्टमेंट’ (एलएफयू) ने दो साल के लिए मुफ्त कोचिंग देकर पढ़ाया गया था। इस कोचिंग में डॉक्टर और पुणे मेडिकल कॉलेज के छात्र सामाजिक और आर्थिक कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को पढ़ाते हैं।
इस सफलता के बाद गढ़चिरौली के गावधेट्टी गांव आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले वाले आकाश कोडयामी (18) ने कहा कि उनका परिवार खेती करता है। उन्हें एक दोस्त ने मुफ्त कोचिंग संस्थान के बारे में बताया था। लेकिन उनके साथ परेशानी ये थी कि वो गोंडी भाषा बोलते हैं जिसके कारण उन्हें अंग्रेजी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन एलएफयू की डिक्शनरी, जिसमें गोंडी शब्दों का अंग्रेजी में अनुवाद दिया है, उस डिक्शनरी ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया और उन्हें नीट क्वालीफाई करने में मदद मिली।
गढ़चिरौली के चंदनवेली गांव के तरंग वैरागड़े (18) ने कहा, उन्होंने नीट में 720 में से 501 अंक हासिल किए हैं। वह अपनी दादी और मां के साथ रहता है, जहां उसकी मां और दादी गुजारे के लिए खेत में और सिलाई का काम करती हैं। तरंग के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था। उन्हें स्थानीय स्कूल के एक टीचर ने एलएफयू की मुफ्त कोचिंग के बारे में बताया जिसके बाद उसने कोचिंग से ऑफलाइन व ऑनलाइन मोड में पढ़ाई कर नीट-यूजी क्वालीफाई किया।