New Standards for Bus: देश में आए दिन सड़क दुघर्टना तो आम बात हो गई है। इसी को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में यात्री बसों को और सुरक्षित बनाने के लिए भारत-एनसीएपी के तहत New Standards को मंजूरी दे दी है। इसके बारे में एक्स पर एक पोस्टर शेयर करते हुए नितिन गडकरी ने कहा है कि, भारत में अब बस की बॉडी को बनाने के लिए नए मानक बनाए गए हैं। ये नए मानक ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चर्स (ओईएम) तथा बस बाडी बनाने वाली कंपनियों, दोनों पर समान रूप से लागू किए जाएंगे।
बसों की एक्सिडेंट को देखकर उठाया गया है यह कदम
केंद्रीय मंत्री के अनुसार देश के सड़क दुघर्टना में बसों की एक्सिडेंट को देखते हुए मंत्रालय द्वारा इस कदम को उठाया गया है। जिसे सड़क सुरक्षा के लिए काफी कारगर माना जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि, बस निर्माण के लिए बनाए गए New Standards को अपनाने के बाद देश में बसों की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाया जा सकता है। New Standards के अनुसार बनीं बसों में यात्री को सफर करने में और भी सुविधा और आराम मिलेगी। इसके अलावा यात्रियों के सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
अधिसूचना को भी जल्द किया जाएगा जारी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी कहा है कि बसों को New Standards पर बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य है दुर्घटना के समय यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना। इसके लिए New Standards की अधिसूचना भी जल्द ही जारी कर दी जाएगी। जिसके बाद इसपर आम लोगों के सुझाव को भी लिया जाएगा। इसी के साथ गडकरी ने यह भी उम्मीद जताई कि सभी पक्ष इस पहल का समर्थन करेंगे। जिससे यात्रा करते समय लोगों की सुरक्षा के सबसे अहम पहलू पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा सके।
In the wake of rising number of bus accidents, there is a pressing need to enhance the quality of bus body construction in Bharat.
I have now approved standards for the construction of bus bodies, which shall be uniformly applicable to both OEMs and bus body builders.
This…
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) October 6, 2023
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार गुणवत्ता में किया जाएगा सुधार
आपको बता दें कि नितिन गडकरी हमेशा से ही देश में बसों के स्तर पर सवाल किए हैं। उन्होंने बस निर्माताओं और ओईएम से लगातार अपील करते रहे हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बसों की गुणवत्ता में सुधार करें। लेकिन फिर भी बसों की क्वालिटी में कोई सुधार नहीं की गई। गडकरी का हमेशा से मानना रहा है कि आटो इंडस्ट्री में ओईएम के पास बहुत से अवसर हैं, इसके बावजूद ओईएम ने ख़राब प्रदर्शन दिया है।