गुजरात के रहने वाले Nirbhay Thakar ने अपनी असाधारण बुद्धि और दृढ़ संकल्प से पूरे देश को चौंका दिया है। मात्र 15 साल की उम्र में ही उन्होंने एक शानदार उपलब्धि हासिल की है, जिसकी चर्चा पूरे भारत में हो रही है। Nirbhay ने महज एक साल में ही 8वीं से लेकर 12वीं तक की परीक्षाएं पास कर ली हैं और अब वह देश के सबसे कम उम्र के इंजीनियर बनने की राह पर चल पड़े हैं। निर्भय ने सिर्फ 15 साल की उम्र में इंजीनियरिंग की डिग्री ले ली है।
Nirbhay की कहानी किसी प्रेरणादायक फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है। जन्म से ही तेज दिमाग वाले निर्भय ने हमेशा सीखने की अदम्य लालसा रखी। स्कूल में वह अपने सहपाठियों से कई कदम आगे थे और पढ़ाई की हर चुनौती को बड़ी ही सहजता से पार कर लेते थे। जल्द ही शिक्षकों ने उनकी प्रतिभा को पहचान लिया और उन्हें उचित मार्गदर्शन देने का प्रण लिया।
गुजरात के भुज का रहने वाला है। Nirbhay का जन्म 2002 में हुआ था और वह 15 साल का ही था, जब उसने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) की पूरी पढ़ाई सिर्फ एक साल में ही कर ली। निर्भय के पिता पेशे से इंजीनियर हैं और मां एक डॉक्टर हैं। दोनों ने ही अपने बेटे की इस असाधारण क्षमता का पूरा साथ दिया। स्कूल और घर में लगातार मेहनत और अभ्यास से निर्भय ने न सिर्फ स्कूली पाठ्यक्रम को आत्मसात किया, बल्कि उच्च स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी की।
8वीं की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन के बाद Nirbhay ने 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की परीक्षाएं लगातार पास की, वो भी हर बार टॉप पर। उन्होंने 12वीं में जेईई मेन्स और गुजरात कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (GCET) दोनों में भी शानदार रैंक हासिल की। वह महज 15 साल की उम्र में गुजरात के सबसे कम उम्र के इंजीनियर बन गए। उन्होंने ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (मेन्स) में हिस्सा लिया और 75/360 अंक हासिल किए। उन्होंने 2017 में 15 साल की उम्र में जीटीयू से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।
Nirbhay ने अपनी स्कूली शिक्षा ‘इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन’ (आईजीसीएसई) से की, जो तेजी से सीखने वालों को कम समय में स्कूली शिक्षा पूरी करने की अनुमति देता है। इस केस में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश समिति (एसीपीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से भी मंजूरी मिल गई थी। इस तरह उन्हें एसएएल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला मिल गया। अब Nirbhay की वाहवाही हर तरफ हो रही है और लोग इस बारे में जानकार काफी प्रेरित भी हो रहे हैं।
Nirbhay की उपलब्धि ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। शिक्षा जगत से लेकर मीडिया तक हर कोई उनकी प्रतिभा की तारीफ कर रहा है। उनके शिक्षक उन्हें एक विलक्षण प्रतिभा मानते हैं, जबकि माता-पिता अपने बेटे पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं।
Nirbhay का यह कारनामा हमें यह सीख देता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से असंभव लगने वाले लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है और यह बताती है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, अगर हौंसला बुलंद हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
हमें इंतजार है कि Nirbhay आगे चलकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में क्या-क्या कमाल करते हैं और एक नए कीर्तिमान स्थापित करते हैं। यह कहानी देश के भविष्य के लिए उम्मीद जगाती है और बताती है कि युवा पीढ़ी में देश को ऊंचाइयों तक पहुंचाने की क्षमता है।