Opposition Party Meeting: बिहार के पटना में शुक्रवार 23 जून को विपक्षी दलों की महाबैठक आयोजित की गई थी। पटना में आयोजित इस बैठक में 30 से ज्यादा विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। इस विपक्षी दलों के महाबैठक में बीजेपी के खिलाफ साल 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर मैदान में उतरने की साझा रणनीति चर्चा की गई। विपक्षी दलों की यह मीटिंग करीब 4 घंटे तक चली जिसमें सभी नेताओं ने अपना विचार रखा।
इस बैठक के बाद सभी पार्टियों द्वारा किए गए ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा कि ‘आज आयोजित इस विपक्ष की बैठक में देश की सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया। यह एक अच्छी बैठक थी जिसमें मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी अभी तो देश का इतिहास ही बदल रही है। अगर यह देश में फिर से जीत कर आ जाते हैं तो देश का संविधान भी बदल देंगे।’ इस बैठक में सभी पार्टियों को आगामी लोकसभा चुनाव में एकसाथ चलने पर बात की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगली मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में की जाएगी। अगली मीटिंग अंतिम मीटिंग होगी जिसमें हम सब साथ लड़ने के लिए आगे की रणनीति बनाएंगे। आगामी लोकसभा चुनाव में हम सब साथ मिलकर बीजेपी को 100 सीटों पर ही रोक कर पराजित करेंगे।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘हम सभी एक साथ लड़ने के लिए एक आम एजेंडे पर आने की कोशिश कर रहे हैं। हम अगली बार 10 या 12 जुलाई को शिमला में फिर मिलेंगे। जहां 2024 के लोकसभा चुनावों को एक साथ लड़ने के लिए साझा एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ‘देश बचाने के लिए कांग्रेस बलिदान देने को तैयार है। विपक्ष की बैठक कि बड़ी बात ये है कि हम सब साथ हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण कर रही है। यह विचारधारा की लड़ाई है और इसमें हम सभी विपक्षी दल साथ खड़े हैं। हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा और विपक्षी एकता के साथ आगे की लड़ाई लड़ेंगे।
विपक्षी दलों की इस महाबैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व सांसद राहुल गांधी के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी समेत कई दिग्गजों ने भाग लिया।