प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजकोट में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में पांच नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (AIIMS) को राष्ट्र को समर्पित किया। इसमें राजकोट (गुजरात), बठिंडा (पंजाब), रायबरेली (उत्तर प्रदेश), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) और मंगलागिरी (आंध्र प्रदेश) का एम्स शामिल है। इन संस्थानों के शुभारंभ के साथ ही देश में एम्स की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। इस दौरान पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये नए AIIMS देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति लाएंगे। उन्होंने कहा कि ये संस्थान न केवल लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराएंगे, बल्कि चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को भी बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।
पीएम मोदी ने कहा, “मेरे जीवन का कल एक विशेष दिन था। मेरी चुनावी यात्रा की शुरूआत में राजकोट की बड़ी भूमिका है। 22 साल पहले 24 फरवरी को ही राजकोट ने पहली बार मुझे आशीर्वाद दिया था, अपना एमएलए चुना था और आज 25 फरवरी के दिन पहली बार राजकोट के विधायक के तौर पर गांधीनगर विधानसभा में शपथ ली थी।”
गुजरात के राजकोट में स्थापित AIIMS 750 बिस्तरों वाला एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल होगा। इसमें 200 डॉक्टरों और 500 नर्सों का स्टाफ होगा। एम्स में ओपीडी, आईसीयू, आपातकालीन सेवाएं, ऑपरेशन थिएटर और अन्य सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एम्स में चिकित्सा शिक्षा के लिए 120 स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम (एमबीबीएस) की सीटें होंगी।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्थापित AIIMS भी 750 बिस्तरों वाला अस्पताल होगा। इसमें 120 एमबीबीएस सीटें होंगी। बिहार के मधुबनी में स्थापित एम्स में 500 बिस्तरों का अस्पताल और 100 एमबीबीएस सीटें होंगी। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्थापित एम्स में 300 बिस्तरों का अस्पताल और 100 एमबीबीएस सीटें होंगी। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थापित एम्स में भी 300 बिस्तरों का अस्पताल और 100 एमबीबीएस सीटें होंगी।
इन नए AIIMS के खुलने से देश में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा। इन संस्थानों में देश के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को पढ़ाने और शोध करने का अवसर मिलेगा। इससे देश में चिकित्सा क्षेत्र में नई खोजों और आविष्कारों को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार का लक्ष्य हर राज्य में एक AIIMS स्थापित करना है। इन नए एम्स के शुभारंभ से सरकार अपने इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गई है।