PM Modi Oath Ceremony: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जून 2024 को अपने तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने जा रहे है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस भव्य समारोह में देश-विदेश के कई प्रमुख हस्तियाँ हिस्सा ले रही है। यह समारोह न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि इसमें विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों के लोगों की उपस्थिति ने इसे और भी खास बनने वाला है। आइए जानते हैं कि इस महत्वपूर्ण अवसर पर कौन-कौन सी हस्तियां शामिल होंगे।
राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति
प्रधानमंत्री मोदी के Oath Ceremony में देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता भी उपस्थित रहेंगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ विपक्ष के भी कई नेता इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनेंगे। इसमें कांग्रेस के राहुल गांधी, एनसीपी के शरद पवार, और डीएमके के स्टालिन जैसे प्रमुख नेता शामिल रहने की उम्मीद है। इस प्रकार, समारोह में राजनीतिक भिन्नताओं के बावजूद एकता और सामंजस्य का माहौल देखने को मिलेगा।
विदेश से आए प्रमुख अतिथि
Oath Ceremony में विदेशी अतिथियों का भी विशेष ध्यान रखा गया है। भारत के निकट पड़ोसी देशों के प्रमुख नेता और राज्याध्यक्ष इस मौके पर उपस्थित रहने वाले है। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने समारोह में भाग लेंगे। यह भारतीय विदेश नीति के तहत ‘पड़ोसी पहले’ के सिद्धांत का प्रतीक था, जो इन देशों के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाता है।
भारतीय उद्योग और व्यापार जगत के प्रमुख दिग्गजों ने भी Oath Ceremony में हिस्सा लेंगे। इन उद्योगपतियों की उपस्थिति ने यह भी दर्शाया कि सरकार आर्थिक विकास और औद्योगिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
इन 7 देशों के नेता Oath Ceremony में होंगे शामिल
- श्रीलंका के राष्ट्रपति, रानिल विक्रमसिंघे
- मालदीव के राष्ट्रपति, डॉ. मोहम्मद मुइज्जू
- सेशेल्स के उप-राष्ट्रपति, अहमद अफीफ
- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, शेख हसीना
- मॉरीशस के प्रधानमंत्री, प्रविंद कुमार जगन्नाथ
- नेपाल के प्रधानमंत्री, पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’
- भूटान के प्रधानमंत्री, शेरिंग तोबगे
क्या है नेबरहुड फर्स्ट और SAGAR विजन?
Oath Ceremony का थीम नेबरहुड फर्स्ट और SAGAR विजन रखा गया है। भारत दशकों से अपने पड़ोसी देशों के साथ-साथ पश्चिमी और दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में संकट के दौरान एक सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2015 में मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस में SAGAR (Security and Growth for All in the Region) शब्द का इस्तेमाल किया था।
भारत नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और SAGAR विजन को आगे बढ़ाने की दिशा में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। ये दोनों नीतियां भारत की विदेश नीति के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो न केवल सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देती हैं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि को भी सुनिश्चित करती हैं।
नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी भारत की उन नीतियों में से एक है, जो अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत और सकारात्मक संबंधों को स्थापित करने के लिए बनाई गई है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य पड़ोसी देशों के साथ आपसी सहयोग और समन्वय को बढ़ाना है। इसके तहत भारत विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी कर रहा है, जैसे कि व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण।
SAGAR विजन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देना है। इसके तहत भारत पड़ोसी देशों के समुद्री सुरक्षा को देखते हुए अपनी आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को भी मजबूत करता रहा है। SAGAR के माध्यम से भारत न केवल अपनी समुद्री क्षमताओं को बढ़ाना चाहता है, बल्कि चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का भी मुकाबला करना चाहता है, जिसके माध्यम से वह लगातार हिंद महासागर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करता रहा है।