Prana Pratistha: इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने वाला पल अब कुछ ही दिनों में आने वाला है। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में भगवान श्री रामलला की Prana Pratistha होगी। देशभर की आस्थाओं का केंद्र बना यह क्षण आखिरकार आ ही रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंदिर के गर्भ गृह में श्री रामलला के विराजमान होने से पहले कौन-कौन से अनुष्ठान संपन्न हो रहे हैं? आइए आज उन्हीं पवित्र अनुष्ठानों की झलक पाते हैं, जो राम मंदिर की Prana Pratistha की नींव बन रहे हैं।
भव्य भू-शोधन महायज्ञ: मंदिर परिसर की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए सबसे पहले भू-शोधन महायज्ञ का आयोजन किया गया। 52 वेदपारंगत विद्वानों द्वारा यह यज्ञ 9 दिनों तक चलेगा, जिसमें भूमि की शुद्धि के लिए वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जायेगा। यह यज्ञ मंदिर को किसी भी अशुभ प्रभाव से मुक्त कर शुभ वातावरण तैयार करता है।
अंकुरारोपण संस्कार: मंदिर की नींव मजबूत करने का प्रतीक है अंकुरारोपण संस्कार। इस अनुष्ठान में पवित्र नदियों का जल, ज्वार, जौ, गेहूं और अन्य अनाज मिट्टी में बोए जाते हैं। इन पौधों का धार्मिक महत्व है और उनके बढ़ने के साथ ही माना जाता है कि मंदिर की नींव और भी दृढ़ होती है।
दशमहाविद्याहोम: देवी शक्ति के दस रूपों का आह्वान करने वाला दशमहाविद्याहोम अनुष्ठान भगवान को समर्पित है। देवी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, काली, तारा, त्रिपुरा, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती और बगलामुखी इन दस महाविद्याओं को प्रसन्न करने के लिए यह यज्ञ किया जाता है। माना जाता है कि यह देवियों का आशीर्वाद मंदिर को सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करता है।
कलश स्थापना and मंडप पूजन: मंदिर के शिखर पर कलशों का स्थापना पवित्रता और सौभाग्य का प्रतीक है। 5 पंचधातु के बने विशाल कलशों का विधि-विधान से स्थापना किया जाता है। इसके बाद मंडप का विधिवत पूजन किया जाता है, जो श्री रामलला के विराजमान होने का स्थान होगा।
मूर्ति स्नान और श्रृंगार: Prana Pratistha से पहले भगवान रामलला की प्रतिमा का विशेष अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है। पंचामृत, दूध, दही, घी और शहद से यह स्नान मूर्ति की पवित्रता को बढ़ाता है। इसके बाद आभूषण, वस्त्र और मुकुट धारण कराकर मूर्ति का मनमोहक श्रृंगार किया जाता है।
अयोध्या में होने वाले ये सभी अनुष्ठान आस्था का अमर गीत गा रहे हैं। वे सदियों के इंतजार, भक्तों की उम्मीदों और पवित्र परंपरा को साकार कर रहे हैं। 22 जनवरी को होने वाली Prana Pratistha राम मंदिर के निर्माण की अंतिम कड़ी होगी, लेकिन साथ ही भक्तों के दिलों में बसी भक्ति की दिव्य ज्योति को और भी प्रखर करेगी।
इन पवित्र अनुष्ठानों के साथ ही अब सबकी निगाहें 22 जनवरी को होने वाले भव्य Prana Pratistha समारोह पर टिकी हैं। इस समारोह में देशभर के लाखों राम भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है। यह अयोध्या के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय होगा, जिसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।