President of Bharat controversy: आधिकारिक G20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रणों पर पारंपरिक ‘प्रेसीडेंट ऑफ़ इंडिया’ के बजाय ‘President of Bharat’ के उपयोग ने हलचल मचा दी है। इससे मंगलवार को विवाद पैदा हो गया और अटकलें तेज हो गईं कि ऐसा कदम संसद के आगामी विशेष सत्र में विधायी एजेंडे का हिस्सा हो सकता है।
संसद के विशेष सत्र से कुछ दिन पहले उठाए गए इस कदम ने राजनीतिक कॉम का माहौल गरम कर दिया है। इसके बाद से विपक्ष का तर्क है कि यह निर्णय संविधान का उल्लंघन करता है, जबकि कुछ सरकारी मंत्री औपनिवेशिक अतीत से नाता तोड़ने के तरीके के रूप में इसका बचाव करते हुए नज़र आ रहे हैं। यह बहस “भारत” नाम के उपयोग और देश की पहचान पर इसके प्रभाव के बारे में मची हुई है।
विपक्ष का सवाल
विपक्ष ने कहा कि President of India की जगह President of Bharat का यह निर्णय ने संविधान का उल्लंघन किया है और इसे 28-पक्षीय विपक्षी समूह का नाम इंडिया रखने के निर्णय से जोड़ने की मांग की, लेकिन कुछ वरिष्ठ सरकारी मंत्रियों ने कहा कि इसका उद्देश्य औपनिवेशिक अतीत से संबंध जोड़ना था। 9 सितंबर को रात 8 बजे भारत मंडपम में मुर्मू द्वारा आयोजित रात्रिभोज का निमंत्रण दिया गया है जिसका आयोजन नई दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में किया जा रहा है।
Mr. Modi can continue to distort history and divide India, that is Bharat, that is a Union of States. But we will not be deterred.
After all, what is the objective of INDIA parties?
It is BHARAT—Bring Harmony, Amity, Reconciliation And Trust.
Judega BHARAT
Jeetega INDIA! https://t.co/L0gsXUEEEK
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 5, 2023
लेकिन विपक्ष इससे नाखुशी जताते हुए, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहाकहा कि संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है, “इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा” और कहा कि यह निर्णय विपक्षी भारत गुट को कमजोर करने के लिए उठाया गया कदम था। “तो यह खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य ‘प्रेसीडेंट ऑफ़ इंडिया’ के बजाय ‘President of Bharat’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जो राष्ट्रपति भवन की ओर से विदेश मंत्रालय द्वारा भेजे गए निमंत्रण को साझा करने वाले पहले नेताओं में से एक ने औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आने वाला सबसे बड़ा बयान देते हुए कहा की President of Bharat’ शब्द का प्रयोग पहले ही होना चाहिए था। इससे मन को बहुत संतुष्टि मिलती है। भारत हमारा परिचय है, हमें इस पर गर्व है। राष्ट्रपति ने भारत को प्राथमिकता दी है।
Mr. Modi can continue to distort history and divide India, that is Bharat, that is a Union of States. But we will not be deterred.
After all, what is the objective of INDIA parties?
It is BHARAT—Bring Harmony, Amity, Reconciliation And Trust.
Judega BHARAT
Jeetega INDIA! https://t.co/L0gsXUEEEK
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 5, 2023
नहीं हुई है आधिकारिक पुष्टि
हालांकि आपको बता दे की सरकार और राषपति द्वारा President of Bharat पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि देश का नाम बदलकर भारत करना 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष पांच दिवसीय सत्र का कारण हो सकता है, जिस दिन संविधान सभा ने अनुच्छेद 1 को अपनाया था।