उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू के बाद Narendra Modi पहले प्रधानमंत्री हैं, जो लगातार तीसरी बार सत्ता में आ सकते हैं। यह टिप्पणी उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान की, जहाँ उन्होंने Narendra Modi के नेतृत्व की तारीफ की और उनके कार्यकाल के दौरान हुए विकास कार्यों का जिक्र किया। बता दें की 1962 के बाद किसी प्रधानमंत्री को पहली बार तीसरा कार्यकाल मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल
प्रधानमंत्री Narendra Modi का नेतृत्व भारतीय राजनीति में एक नई दिशा लेकर आया है। 2014 में उन्होंने अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत की थी, और 2019 में जनता ने उन्हें फिर से चुनकर उनकी नीतियों पर अपना विश्वास जताया। अब, 2024 के आम चुनावों में अगर बीजेपी सत्ता में आती है, तो नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में एक नई बहस छेड़ दी है।
जवाहरलाल नेहरू और नरेंद्र मोदी की तुलना
जवाहरलाल नेहरू, भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारतीय राजनीति में एक स्थायी छाप छोड़ी। उन्होंने लगातार तीन कार्यकाल पूरे किए थे। उनके बाद, Narendra Modi ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे, जो लगातार तीन बार सत्ता में आएंगे। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों नेताओं के बीच कई समानताएँ हैं, खासकर उनके नेतृत्व कौशल और देश के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में।
विकास कार्यों की सराहना
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने Narendra Modi के कार्यकाल के दौरान हुए विभिन्न विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश के हर कोने में विकास की नई लहर पैदा की है। उन्होंने विशेष रूप से स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं का उल्लेख किया, जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता
Narendra Modi की लोकप्रियता अपने चरम पर है। उन्होंने देश और विदेश में अपनी पहचान बनाई है और उनकी नीतियों का व्यापक प्रभाव देखा गया है। हाल ही में हुए कई सर्वेक्षणों में यह पाया गया है कि जनता का एक बड़ा हिस्सा उनके नेतृत्व को पसंद करता है और उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। उनकी कड़ी मेहनत और जनसेवा की भावना ने उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया है।
हालांकि, Narendra Modi के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। बेरोजगारी, किसानों की समस्याएँ, और आर्थिक मंदी जैसी चुनौतियाँ उनके सामने हैं। जनता की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं और उन्हें पूरा करने के लिए सरकार को कड़ी मेहनत करनी होगी। विपक्षी दल भी इन मुद्दों को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं और आगामी चुनावों में इन्हीं मुद्दों को प्रमुखता देने की योजना बना रहे हैं।