देश की राजनीति में हलचल मचाने को तैयार है कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘Bharat Jodo Nyay Yatra’, जिसका आगाज आज मणिपुर से होगा। यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3500 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करेगी और लगभग 5 महीने चलेगी। इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी देश की आम जनता से जुड़ने की कोशिश करेंगे और बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे।
न्याय की मांग, भाईचारे का संदेश
‘Bharat Jodo Nyay Yatra’ का मुख्य उद्देश्य देश में बढ़ती विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकता का संदेश फैलाना और आम जनता की समस्याओं को उजागर करना है। राहुल गांधी का कहना है कि इस यात्रा के जरिए वह सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और देश की राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। यात्रा के दौरान राहुल गांधी अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों, मजदूरों, युवाओं, महिलाओं और अन्य वर्गों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे।
मणिपुर से होगी शुरुआत
आज मणिपुर के निलाटा गांव से शुरू होने वाली यह Bharat Jodo Nyay Yatra पहले चरण में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरेगी। दूसरे चरण में यात्रा हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से होकर पूरी होगी। यात्रा के दौरान राहुल गांधी रोजाना लगभग 25 किलोमीटर पैदल चलेंगे।
Bharat Jodo Nyay Yatra का पहला चरण मणिपुर से शुरू होकर तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक जाएगा। इसके बाद यात्रा केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से होते हुए कश्मीर में समाप्त होगी। यात्रा के दौरान राहुल गांधी हर दिन लगभग 25 किलोमीटर पैदल चलेंगे और विभिन्न स्थानों पर जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
राजनीतिक समीकरण बदलने की है एकजुटता
‘Bharat Jodo Nyay Yatra’ कांग्रेस पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विपक्ष की एकजुटता के लिए भी इस यात्रा को अहम माना जा रहा है। राहुल गांधी उम्मीद कर रहे हैं कि इस यात्रा के जरिए वह पार्टी को फिर से मजबूत बना पाएंगे और आगामी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। हालांकि, सियासी विश्लेषकों का कहना है कि यात्रा का असली असर तभी देखने को मिलेगा जब तक वह आम जनता के दिलों को जीत पाएंगे।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उद्देश्य देश में बढ़ती हुई असमानता, सामाजिक-आर्थिक विभाजन और नफरत की राजनीति के खिलाफ आवाज़ उठाना है। राहुल गांधी का मानना है कि देश में संवाद और भाईचारे की कमी हो रही है, जिससे राष्ट्रीय एकता कमजोर पड़ रही है। इस यात्रा के जरिए वह लोगों को आपस में जोड़ने, उनके बीच संवाद बढ़ाने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।