Brij Bhushan Singh : महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी भाजपा सांसद और कुश्ती महासंघ के वर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह व सहायक सचिव विनोद तोमर को अदालत ने गुरुवार को जमानत दे दी है। कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरन अभियोजन पक्ष व शिकायतकर्ता के वकीलों ने इस जमानत पर कोई भी आपत्ति नहीं जताई बल्कि जमानत देते हुए शर्ते लगाने का आग्रह किया। इस मामले में राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने कोर्ट के इस आदेश को पारित किया है।
जमानत देते हुए कोर्ट ने आरोपी को निर्देश दिया कि वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिकायतकर्ताओं या गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा और न ही उनसे किसी तरह का संपर्क करने की कोशिस करेंगे। इसके साथ ही वह अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़कर कही नहीं जायेंगे। आरोपियों को अदालत ने इन सभी शर्तों का ईमानदारी से पालन करने का आदेश दिया है। जमानत से पहले ही एपीपी अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि कोर्ट जमानत देते समय कोर्ट की तरफ से कुछ शर्तें लगाई जाएंगी।
इसके साथ ही अदालत ने उनके उस तर्क को भी रिकॉर्ड पर लिया जिसमे ना तो जमानत अर्जी का विरोध किया जा रहा है और न ही समर्थन। उन लोगो का कहना है कि अदालत को जमानत अर्जी पर कानून, नियमों, दिशानिर्देशों और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के मुताबिक विचार करना चाहिए।
इसके साथ ही शिकायतकर्ता की और से पेश वकील हर्ष वोहरा ने इसी तर्ज पर कहा यदि अदालत जमानत देने के इच्छुक हैं, तो इसके लिए कड़ी शर्तें लगाई जाये। वही आरोपियों की और से पेश वकील राजीव मोहन ने कहा कि सभी आरोपी सभी शर्तों का पालन करेंगे। इसके साथ ही मोहन ने कहा उनके मुअक्किल की तरफ से कोई धमकी नहीं दी जाएगी और अगर उन्हें आशंका है तो मैं वचन देता हूं कि ऐसी कोई घटना आरोपियों द्वारा नहीं की जाएगी।
आपको बता दें कि बीती 18 जुलाई को बृज भूषण सिंह को कोर्ट की ओर से 20 जुलाई तक अंतरिम जमानत दी गयी थी। इसके साथ ही आरोपी विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत मिली थी। जिसकी नियमित जमानत पर आज सुनवाई की गयी थी। इससे पहले अंतरिम जमानत पर हुई सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष अभियोजन पक्ष ने जमानत पर आपत्ति नहीं जताई थी।
इस मामले पर बताते हुए कूच समय पहले दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि, ‘डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को गिरफ्तार नहीं किया गया। हम उनकी जमानत का विरोध नहीं करेंगे बशर्ते वे गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। इसके लिए न्यायाधीश जसपाल ने सात जुलाई को सिंह और डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर को समन जारी किया था।’
जिसके बाद राउज़ एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने उसी दिन सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र भेज कर उस पर भी संज्ञान लिया था। इसके साथ ही अदालत ने कहा था कि पेश साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए उपयुक्त साक्ष्य है। जिसमे आरोपी सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उन महिला पहलवानो की शिकायतों के आधार पर ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।