Leopard Death In Kuno: पिछले कुछ समय मध्य प्रदेश के कूनो में चीतों की मौत में बढ़ोतरी हो रही है जिसके लिए Supreme Court ने केंद्र सरकार से कुछ सवालों का जवाब माँगा था। इन जवाब केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दिया है । अपने जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि इस बात की आशंका पहले से थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या ऐसा होना सही है। ऐसे बहुत सरे सवालों का जवाब सर्कार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया है।
इन सवालों पर जवाब देते हुए केंद्र की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने कहा- हमें इस बात की आशंका पहले से थी। लेकिन दूसरी जगह से शिफ्ट किए जाने पर पहले साल में 50% मौतें होना खतरे की घंटी नहीं मणि जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा की हमारी रिपोर्ट में सारी डिटेल दी गयी है।
आपको बता दे की मध्यप्रदेश के कूनो में 7 जुलाई को सूरज,और 11 जुलाई को तेजस नाम के चीते की मौत हो गई थी। जिसके लिए एक हफ्ते में दो चीतों की मौत को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने नेचुरल बताया था। लेकिन यहाँ यहां पिछले चार महीने में 8 चीतों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाये गए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था। वही इस साल 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 12 और चीतों को कूनो नेशनल पार्क में में छोड़ा गया था। जिसके बाद कूनो में कुल 20 चीते हो गए है।
चीतों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या सवाल पूछे?
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नेशनल टाइगर कंजर्वेशन को दिशा निर्देश देने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी के सदस्यों ने ही चीतों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया है। इस मामले में कमेटी की एप्लिकेशन पर जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है। इस सुनवाई के दौरान बेंच ने सर्कार से कई सवाल पूछे है।
सुप्रीम कोर्ट ने पहला सवाल पूछा की शावक कितने थे और कितने बचे? का जवाब देते हुए केंद्र सर्कार ने कहा की 4 शावक थे और 3 की मौत हो गई। इनके सर्वाइवल के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। यह हमारे लिए एक प्रतिष्ठा वाला प्रोजेक्ट है और हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद सुप्रीम सूरत ने दुशरा सवाल पूछा भले ही यह प्रतिष्ठा वाला प्रोजेक्ट हो, लेकिन एक साल के भीतर 40% की मौत हो जाना क्या अच्छी बात है? जिसका जवाब देते हुए सर्कार ने कहा, ‘जैसा कि हमें बताया गया है, इस बात की आशंका हमें पहले ही थी। किसी दूसरी जगह से शिफ्ट किए जाने के एक साल के भीतर 50% की मौत होना चौंकाने वाला नहीं है। स्टेटस रिपोर्ट में सारी डिटेल है। कुछ सुझाव भी दिए गए हैं।
अगले सवाल में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सभी चीतों को एक जगह रखने की बजाय आप इन्हें अलग-अलग जगहों पर क्यों नहीं भेज देते हैं? इसपर केंद्र सरकार ने कहा, ‘एक्सपर्ट्स ने इस पहलू पर भी विचार किया है। इस संबंध में उठाए गए कदमों और आगे के एक्शन के बारे में भी हम आपको बताएंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम क्या कर रहे हैं, यह स्टेटस रिपोर्ट में है। कुछ और विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।’ अंत में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा समस्या क्या है, अभी तो यही लग रहा है कि हमारा वातावरण चीतों के लिए अनुकूल नहीं है? इसपर केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए कहा बहुत सारी समस्याएं हैं। हर मौत की जांच की गई है और स्टेटस रिपोर्ट में इसका जिक्र है। आप इसे देख लें और निर्देश दें कि आगे क्या किया जाए।