भारत की रक्षा क्षमता में एक नया आयाम जुड़ गया है। स्वदेशी रूप से विकसित लड़ाकू विमान Tejas Mk-1A जल्द ही भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल होने के लिए तैयार है। हाल ही में सफल परीक्षण उड़ान के बाद, यह विमान वायुसेना की ताकत को दोगुना करने का वादा करता है।
Tejas Mk-1A हल्के लड़ाकू विमान तेजस Mk-1 का उन्नत संस्करण है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिजाइन और विकसित, यह विमान 4.5 पीढ़ी का एकल सीट वाला लड़ाकू विमान है। इसमें कई अत्याधुनिक विशेषताएं शामिल हैं जो इसे आधुनिक युद्ध के लिए एक घातक हथियार बनाती हैं।
Tejas Mk-1A की ताकत को बढ़ाने वाली विशेषताएं:
उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली (Electronic Warfare System – EWS): आधुनिक युद्ध में इलेक्ट्रॉनिक तरंगों का दबदबा है। Tejas Mk-1A में लगी उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली दुश्मन के रडार और संचार को बाधित कर युद्ध में भारत को बढ़त दिलाएगी।
बेहतर संचार प्रणाली: युद्ध के मैदान में सटीक समन्वय और सूचना का आदान-प्रदान बेहद अहम होता है। तेजस Mk-1A में लगी बेहतर संचार प्रणाली पायलटों को जमीनी नियंत्रण केंद्र और साथी विमानों के साथ निर्बाध संचार की सुविधा प्रदान करेगी।
बेहतर पायलट सुविधाएं: आधुनिक युद्ध विमानों का संचालन जटिल होता है। Tejas Mk-1A में पायलटों के लिए बेहतर सुविधाएं, जैसे उन्नत कॉकपिट लेआउट और जीवन रक्षा प्रणाली मौजूद हैं, जो लंबी उड़ानों में भी पायलटों को थकान से बचाएंगी और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाएंगी।
हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (AAM) को ले जाने की क्षमता: Tejas Mk-1A दुश्मन के विमानों को दूर से ही निशाना बनाने में सक्षम है। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को ले जाने की क्षमता इसे युद्ध में एक घातक हथियार बनाती है।
तेजस Mk-1A के भारतीय रक्षा क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव:
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम: Tejas Mk-1A पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित विमान है। यह भारत की रक्षा जरूरतों को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा अनुसंधान और विकास को बढ़ावा: तेजस Mk-1A भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की क्षमता का प्रमाण है। इस विमान का निर्माण भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा देगा और भविष्य में और भी उन्नत रक्षा प्रणालियों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।