TRAI: आने वाले समय में मोबाइल और लैंडलाइन नंबर का इस्तेमाल करना महंगा हो सकता है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एक अहम सुझाव दिया है, जिससे मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। TRAI ने दूरसंचार विभाग (DoT) को सुझाव दिया है कि वो मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों के आवंटन शुल्क में वृद्धि करे।
फिलहाल, भारत में मोबाइल और लैंडलाइन नेटवर्क अलग-अलग तरह से संचालित होते हैं। जब आप मोबाइल से लैंडलाइन पर कॉल करते हैं, तो मोबाइल ऑपरेटर को लैंडलाइन ऑपरेटर को एक तरह का शुल्क (Termination Charge) देना पड़ता है। इसी तरह, लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने पर लैंडलाइन ऑपरेटर को मोबाइल ऑपरेटर को शुल्क देना होता है।
क्या है TRAI का नया सुझाव?
ट्रई ने DoT को सुझाव दिया है कि मोबाइल नंबरों के आवंटन शुल्क को मौजूदा ₹10 से बढ़ाकर ₹20 किया जाए। वहीं, लैंडलाइन नंबरों के आवंटन शुल्क को ₹50 से बढ़ाकर ₹100 किया जाए। उदाहरण के लिए, यदि कोई ग्राहक केवल 10 सेकंड की कॉल करता है, तो उसे केवल 10 सेकंड के लिए ही शुल्क देना होगा, न कि पूरे मिनट का। TRAI का कहना है कि नंबरों के आवंटन शुल्क में वृद्धि करने से सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। साथ ही, इससे स्पैम कॉल्स और फर्जी नंबरों की समस्या को भी कम किया जा सकेगा।
क्यों खत्म हो सकती हैं मिनट दरें?
ट्रई का कहना है कि मौजूदा मिनट दर प्रणाली उपभोक्ताओं के हित में नहीं है। इस प्रणाली के तहत, ग्राहकों को एक निश्चित समय के लिए कॉल करने का शुल्क चुकाना पड़ता है, भले ही वह कॉल केवल कुछ सेकंड की ही क्यों न हो। TRAI का मानना है कि इस व्यवस्था से टेलीकॉम कंपनियां फायदे में रहती हैं, जबकि उपभोक्ताओं को नुकसान होता है।
इस सुझाव के क्या फायदे होंगे?
TRAI का दावा है कि इस नए सुझाव से ग्राहकों को काफी फायदा होगा। ग्राहकों को केवल उसी समय के लिए शुल्क चुकाना होगा, जिसके लिए वे कॉल करते हैं, जिससे उनकी बचत होगी। साथ ही, टेलीकॉम कंपनियों को भी यह व्यवस्था अपनाने से फायदा हो सकता है, क्योंकि इससे कॉल ट्रैफिक में वृद्धि हो सकती है।
उपभोक्ताओं पर क्या होगा असर?
TRAI के इस सुझाव को अगर DoT मान लेता है, तो इसका सीधा असर मोबाइल और लैंडलाइन सेवा प्रदाता कंपनियों (TSPs) पर पड़ेगा। ये कंपनियां सरकार को बढ़े हुए आवंटन शुल्क का भुगतान करेंगी। आशंका जताई जा रही है कि TSPs उपभोक्ताओं से ही इस बढ़े हुए शुल्क की भरपाई करने की कोशिश कर सकती हैं। ऐसे में मोबाइल और लैंडलाइन रिचार्ज या टैरिफ प्लान्स की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
अभी क्या है स्थिति?
TRAI का यह सुझाव अभी सिर्फ एक प्रस्ताव ही है। इस प्रस्ताव पर अभी चर्चा होनी बाकी है और दूरसंचार विभाग और अन्य हितधारकों से सलाह ली जाएगी। इसके बाद ही यह तय होगा कि क्या मिनट दरों को खत्म किया जाएगा या नहीं।