Petrol and Diesel: पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह ने मीडिया के सामने व्याख्यान की है। जिसके बाद से वो चर्चा में आ गए हैं। हरदीप सिंह ने एक मिडिया इंटरव्यू के दौरान कहा है कि जब उत्तरी अमेरिका में पेट्रोलियम उत्पादों (Petrol and Diesel) की कीमतें 40-50 फीसदी बढ़ रही थीं, उस वक्त प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए निर्णायक कदमों के कारण भारत की कीमतें पांच फीसदी तक कम हो गईं थी।
बढ़ते उत्पादन कीमतों के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि तेल उत्पादक देशों को अपनी योग्यता के आधार पर एक अच्छी निर्णय लेने की जरूरत है। क्योंकि इस समय Petrol and Diesel की कीमतें आसमान छू रही है। जिसके कारण माना जा रहा है कि तेल की बढ़ती कीमतें सुधार को खतरे में डालने के साथ अन्य गंभीर समस्याओं में भी योगदान दे रही हैं।
त्योहारों में नहीं बढ़ाये जायेंगे दाम
इस मामले में आगे बताते हुए हरदीप सिंह ने कहा है की, “कच्चे तेल (Petrol and Diesel) की कीमत लगभग 96 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, अब Petrol and Diesel दोनों के लिए रिकवरी हो रही है। मैं हमेशा अपने ओएमसी दोस्तों से अच्छे कॉर्पोरेट नागरिक होने की भावना से अनुरोध करता हूं (कीमतें न बढ़ाएं)। अतीत में भी दुनिया भर में कीमतें बढ़ी हैं माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दो अवसरों 21 नवंबर और 22 मई को उत्पाद शुल्क में कटौती के लिए उठाए गए निर्णायक कदमों के कारण उत्तरी अमेरिका में 40-50 फीसदी की वृद्धि हुई और भारत में कीमतों में पांच फीसदी की कमी आई।”
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इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि “मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि उत्पादक देशों में मेरे मित्र इस योग्यता को देखेंगे क्योंकि यदि आप हमारे सहित किसी भी अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र को खोलेंगे, तो पाएंगे कि इस समय Petrol and Diesel की ऊंची कीमतें न केवल सुधार को खतरे में डाल रही हैं, बल्कि वे वास्तव में अन्य गंभीर समस्याओं में भी योगदान दे रही हैं। आशा है कि कच्चे तेल की कीमतों पर लगाम लगाई जाएगी। और हम ये सब नेविगेट करने में सक्षम होंगे।”
पराली से बनाया जा रहा है एथनॉल
इसके बाद उनसे पराली जलाने के कारण हो रहें प्रदूषण के के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की, दिल्ली सरकार पहले पड़ोसी राज्य सरकार को इसके लिए दोषी मानती थी। लेकिन अब तो पंजाब में उनकी सरकार है। इसके बाद उन्होंने कहा कि केंद्र इस मामले में अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। केंद्र पराली से एथनॉल बनाने के लिए बड़ी संख्या में अभियान चला रही है।