UPI New Update: देश में ऑनलाइन पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इस रफ्तार को बनाए रखने और डिजिटल लेनदेन को और बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक अहम कदम उठाया है।
एमपीसी की बैठक में UPI (Unified Payments Interface) के जरिए होने वाले लेनदेन की अधिकतम सीमा को बढ़ाने का फैसला किया गया है। खास बात यह है कि यह लिमिट बढ़ोतरी सिर्फ आम जनता के लिए नहीं, बल्कि अस्पतालों और शिक्षा संस्थानों तक भी पहुंचाई गई है। आइए, जानते हैं यूपीआई के इस नए अपडेट की खासियतें और इससे आपके लिए क्या फायदे होने वाले हैं:
एक लाख से पांच लाख तक बढ़ी लिमिट
पहले UPI के जरिए अधिकतम एक लाख रुपये तक ही ट्रांजैक्शन किया जा सकता था। नए अपडेट के तहत अब आम जनता के लिए यूपीआई ट्रांजैक्शन की अधिकतम सीमा पांच लाख रुपये कर दी गई है। यानी अब आप यूपीआई के जरिए बड़े भुगतान, जैसे घर का किराया, कार के ईएमआई या बड़ी खरीदारी आदि आसानी से कर सकते हैं। UPI अपडेट के नए नियम 10 जनवरी 2024 से लागू हो जाएंगे। यानी कुछ ही दिनों में आप इसका फायदा उठाना शुरू कर सकते हैं।
अस्पतालों में कैश की झंझट से मिलेगी मुक्ति
नए अपडेट में यह फैसला भी लिया गया है कि UPI के जरिए अस्पतालों में किए जाने वाले ट्रांजैक्शन की अधिकतम सीमा भी पांच लाख रुपये तक बढ़ाई जाएगी। अस्पतालों में अक्सर बड़ी रकम का भुगतान करना पड़ता है, जैसे ऑपरेशन का खर्च, दवाइयां आदि। इससे पहले UPI के जरिए बड़ी रकम का भुगतान करना मुश्किल होता था, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को नकदी इकट्ठा करने की परेशानी उठानी पड़ती थी। अब इस नए अपडेट से कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा और अस्पतालों में कैश की निर्भरता कम होगी।
शिक्षा संस्थानों में भी फायदा
अस्पतालों के अलावा शिक्षा संस्थानों को भी इस नए अपडेट का फायदा होगा। अब छात्र UPI के जरिए ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस और लाइब्रेरी फाइन आदि बड़ी रकम का भुगतान आसानी से कर सकते हैं। इससे शिक्षा संस्थानों में कैश का लेनदेन कम होगा और ट्रांजैक्शन में पारदर्शिता आएगी।
देश में UPI पेमेंट में तेजी देखने को मिली है। वर्ष 2023 तक में यह 100 अरब के पार पहुंच गई। एनपसीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में लगभग 126 करोड़ यूपीआई पेमेंट हुई थी। वहीं, पिछले साल 2023 में इसकी संख्या में 60 फीसदी की तेजी दर्ज हुई है।
डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ता कदम
UPI अपडेट का यह कदम भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा, वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता आएगी और आम जनता के लिए पैसे का लेनदेन करना और भी आसान हो जाएगा।