भारत में Women की अधिक भागीदारी का नया कीर्तिमान स्थापित हो गया है, जिसका विशेष महत्व है। एक नवीन रिपोर्ट के अनुसार, अब भारत में श्रम बल में Women की भागीदारी 37 प्रतिशत पहुंच गई है। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम की पुष्टि करता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को जारी एक बयान के मुताबिक, नारी शक्ति को इस ऊंचाई पर पहुंचाने में सरकार की नीतिगत पहलों का बड़ा योगदान रहा है।
Women की अधिक भागीदारी
नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में Women की अधिक भागीदारी का यह नया आंकड़ा है कि वे अब श्रम बल में 37 प्रतिशत की भागीदारी कर रही हैं। इसका मतलब है कि महिलाएं अब अधिक से अधिक रोजगार के अवसरों का श्रेय उठा रही हैं और वे नौकरी या व्यवसायिक क्षेत्र में अधिक से अधिक भाग ले रही हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार महिला श्रम बल भागीदारी दर 2018-19 में 24.5 फीसदी रही जो 2017-18 में 23.3% थी। इसी के साथ वर्ष 2019-20 में यह दर 30 फीसदी रही और 2020-21 में बढ़कर 32.5 फीसदी पर पहुंच गई। इसकी दर एक बार और बढ़ कर 2021-22 में बढ़कर 32.8 प्रतिशत हो गयी। वहीं यह इस साल 2023 में 37.0% पर पहुंच गई है।
महिला उत्कृष्टता के क्षेत्र में योगदान
Women के रोजगार के क्षेत्र में इस तरह की वृद्धि विशेष रूप से महिला उत्कृष्टता के क्षेत्र में उनके योगदान का परिणाम है। महिलाएं अब सरकारी और गैर-सरकारी सेक्टर में विभिन्न भूमिकाओं में काम कर रही हैं और वे नए क्षेत्रों में भी कदम रख रही हैं। महिलाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसरों की वृद्धि का मुख्य कारण उन्हें शिक्षा और प्रशासनिक बदलावों के साथ महिलाओं के लिए समर्पित कई सरकारी योजनाओं का उपयोग करने में मदद मिली है। यही वजह है कि महिलाएं अब अपने रोजगार के क्षेत्र में बढ़ते हुए दिख रही हैं।
Women की भागीदारी में वृद्धि का यह नया आंकड़ा महिला सशक्तिकरण के लिए एक सकारात्मक प्राक्कथन है। यह दिखाता है कि महिलाएं न केवल अपने परिवार और समाज के लिए बल्कि अपने अपने लिए भी स्वावलंबी हो रही हैं और उन्हें नौकरी के क्षेत्र में अपनी पेशेवर उपस्थिति बढ़ाने के लिए समर्थन मिल रहा है।
नए रोजगार के अवसर
यह नया आंकड़ा समाज में भी एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की ओर संकेत करता है। Women के रोजगार के क्षेत्र में अधिक भागीदारी से समाज में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बना दिया जा रहा है और यह महिलाओं के समाज में सामाजिक और आर्थिक स्वरूप में सुधार करने में मदद कर सकता है।
Women की अधिक भागीदारी के साथ, नए रोजगार के भी अधिक अवसर उपलब्ध हो सकते हैं। उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अपने कौशल और पेशेवर योग्यता के हिसाब से रोजगार के अवसर मिल सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।