हमारे हिंदू धर्म में अक्सर यदि हम राह पर भी चलते रहते हैं तो कई तरह के साधु संत हमें मिल जाते हैं. घर के द्वार पर भी कई साधु संत आकर हमसे कुछ मांगते हैं जहां लोग यही उम्मीद करते हैं कि उनसे जितना बने वह उन्हें देदे और साधु संत उनसे नाराज होकर न जाए. हाल ही में इस बारे में प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने बताया है कि अगर घर के बाहर कोई साधु संत आ जाए तो हमें उसके साथ किस तरह का व्यवहार रखना चाहिए.
महाराज ने बताया ये उपाय
प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने कहा कि अगर तुम्हारे घर कोई साधु संत आता है तो उनका मधुर वचन जैसे राधेश्याम या राधे राधे से स्वागत कीजिए. अगर साधु पैसा मांगता है तो आप कह दीजिए कि हमारी श्रद्धा नहीं है या हम उसमें सक्षम नहीं है. इसमें किसी भी तरह का कोई संकोच नहीं करना चाहिए. हां लेकिन, आपके घर यदि साधु आए तो उसे आप यह जरूर कहे की आपको मैं पानी पिला देता हूं और खाना खिला सकता हूं लेकिन अगर वह रुपया मांगने पर अड़ जाए तो आप उसे फिर आराम से विदा कर दे.
ना बोलने से बिल्कुल भी ना कतराए
महाराज जी (Premanand Maharaj) का कहना है कि इसमें किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह अपराध नहीं है. अगर साधु बोले कि हम खाली हाथ जा रहे हैं, तुम नष्ट हो जाओगे फिर भी उसे जाने दीजिए. साधुओं के इस बात से कभी डरना नहीं चाहिए. वह खुद नष्ट हो रहा है. वह उस वक्त आपसे जल रहा होता है. उससे बदबू आ रही होती है. साधु द्वारा रुपया मांगने की बात पर प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने कहा कि इस तरह की बातें आज तक हमने कहीं भी नहीं पढी़. इसलिए इस परिस्थिति में ना बोलने से बिल्कुल भी ना कतराए.