Purnia में आज बाबा बैजनाथ मंदिर में सालाना कलश यात्रा का आयोजन किया गया। यह कलश यात्रा दस दिवसीय श्रीमद्भागवत गीता ज्ञान यज्ञ को लेकर निकाली गयी है। इस भव्य आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कलश यात्रा धूमधाम से निकाली गई, जिसने पूरे शहर को भक्तिमय माहौल में रंग दिया।
पारंपरिक वेशभूषा में सजे श्रद्धालु
कलश यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में सजे हुए थे। महिलाएं रंगीन साड़ियों और पुरुष धोती-कुर्ता पहने हुए नजर आए। कई श्रद्धालु भगवान शिव के जयकारे लगा रहे थे, तो वहीं कुछ भजन गा रहे थे। यात्रा में ढोल-नगाड़ों की धुन भी गूंज रही थी, जो श्रद्धालुओं के उत्साह को और बढ़ा रही थी।
सुबह सूर्योदय से पहले ही मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ लग गई थी। पंडितों द्वारा पूजा-अर्चना करने के बाद कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ। शंखनाद और ढोल की थाप के बीच सैकड़ों श्रद्धालु कलश उठाकर गंगा स्नान के लिए निकल पड़े।
श्रद्धा और उत्साह का माहौल
Purnia में गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु कलश में जल भरकर वापस मंदिर की ओर चल पड़े। इस दौरान रास्ते में जगह-जगह भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। श्रद्धालु भक्तिभाव से झूमते नाचते हुए मंदिर की ओर लौटे। पूरे रास्ते में श्रद्धा और उत्साह का माहौल देखने को मिला।
कलश यात्रा का मार्ग
कलश यात्रा बाबा बैजनाथ मंदिर से शुरू हुई और शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए वापस मंदिर पर ही संपन्न हुई। रास्ते में कई जगहों पर श्रद्धालुओं के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी। साथ ही, यात्रा के स्वागत में कई जगहों पर पुष्प वर्षा भी की गई।
श्रद्धालुओं की आस्था
बाबा बैजनाथ मंदिर Purnia का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहां साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। खासकर, सोमवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। कलश यात्रा के दौरान भी श्रद्धालुओं की गहरी आस्था देखने को मिली। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि वे हर साल कलश यात्रा में शामिल होते हैं और बाबा बैजनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
कलश यात्रा के सफल आयोजन के लिए मंदिर प्रबंधन समिति की सराहना की जा रही है। समिति के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने महीनों से इस आयोजन की तैयारी की थी। उनका प्रयास रहा कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
Purnia जिला प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
Purnia जिला प्रशासन ने इस मेले के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस बल तैनात किया गया था और पूरे रास्ते पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई।