इस वक्त टीम इंडिया में बहुत बड़ी हलचल नजर आ रही है, जहां श्रेयस अय्यर और ईशान किशन से कॉन्ट्रैक्ट (BCCI Contract) छीने जाने का विवाद तूल पकड़ा हुआ है. आपको बता दे कि अब कुलदीप यादव और हार्दिक पांड्या के नाम पर भी बीसीसीआई को खूब ट्रोल किया जा रहा है. जब से भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने प्लेयर्स कॉन्ट्रैक्ट की लिस्ट जारी की है उसके बाद से ही यह विवाद शुरू हो चुका है. दरअसल खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के तहत जो अलग-अलग ग्रेड या कैटेगरी में रखा जाता है, उससे खिलाड़ी और उनके फैंस सहमत नहीं है.
ये है पूरा मामला
आपको बता दे कि हार्दिक पांड्या को इस कैटेगरी में ग्रेड ए दिया गया है जिससे लोग ना खुश हैं क्योंकि हार्दिक पांड्या सिर्फ वनडे और टी-20 मैच खेलते हैं, जबकि तीनों फॉर्मेट में अपना जलवा बिखेरने वाले कुलदीप यादव को बी ग्रेड में रखा गया है. आपको बता दे कि टॉप टियर ए प्लस कहलाता है, जिसमें सालाना 7 करोड रुपए का कॉन्ट्रैक्ट होता है. इसके बाद ग्रेड ए, बी और सी आते हैं जिसमें 5, 3 और 1 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता है.
इसके तहत कुलदीप यादव को सालाना 3 करोड़ और हार्दिक पांड्या को 5 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. लोगों को इस बात की हैरानी हो रही है कि भारत के नंबर वन स्पेशलिस्ट स्पिनर कुलदीप यादव ने 2023 में भारत के लिए 43 मैच खेले हैं लेकिन मात्र 31 मैच खेलने वाले हार्दिक पांड्या ने बाजी मार ली है.
श्रेयस अय्यर और ईशान किशन हुए बाहर
यह दोनों ही नाम ऐसे हैं जिसने टीम इंडिया के लिए कई मौके पर कारनामा दिखाया है, लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों का रवैया ही सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने की वजह बना है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के बाद से ही इशान किशन क्रिकेट से दूर है. मैनेजमेंट ने उन्हें साफ कहा था कि टेस्ट टीम में वापसी के लिए उन्हें रणजी मैच खेलना होगा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. श्रेयस अय्यर भी ईशान किशन के रास्ते पर ही चले और जब बात रणजी ट्रॉफी खेलने की आई तो श्रेयस ने चोटिल होने का बहाना बनाया जबकि वह पूरी तरह से फिट पाएं गए. हालांकि इन दोनों खिलाड़ियों के लिए अभी भी सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. आईपीएल दोनों के पास आखिरी विकल्प है.