मौजुदा समय में देखा जाए तो गौतम गंभीर और श्रीशंत (S. Sreesanth) के बीच काफी तीखी बहन शुरू हो चुकी है, जहां मैदान के बाद अब सोशल मीडिया पर भी दोनों एक दूसरे पर पलटवार करते नजर आ रहे हैं. सूरत के मैदान पर एलिमिनेटर मैच में दोनों के बीच कहा सुनी हो गई .इसके बाद यह मामला काफी तूल पकड़ता नजर आ रहा है. इंडिया कैपिटल और गुजरात जॉइंट्स के बीच जब मुकाबला खेला गया तो यह पूरी घटना इसी दौरान हुई जिसमें इंडिया कैपिटल ने 12 रन से जीत दर्ज की. इस पूरे घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी एक दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है लेकिन अब श्रीशंत (S. Sreesanth) की पत्नी भी दोनों की लड़ाई में कूद पडी़ है.
गंभीर की परवरिश पर उठाएं सवाल
आपको बता दे कि श्रीशंत (S. Sreesanth) की पत्नी भुवनेश्वरी ने अब सोशल मीडिया पर गौतम गंभीर के प्रति उटपटांग बातें करनी शुरू कर दी है और उनकी परवरिश पर भी सवाल उठाया है. सबसे पहले श्रीसंत ने एक वीडियो में कहा कि मिस्टर फाइटर के साथ जो कुछ हुआ, उस बारे में बस चीजे स्पष्ट करना चाहता हूं. वह हमेशा अपने साथियों के साथ लड़ता है. बिना किसी कारण के. वह अपने ही सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान नहीं करता.
आज बिल्कुल ऐसा ही हुआ. बिना किसी उकसावे के वह मुझे कुछ-कुछ कहते रहे, जो बहुत ही अभद्र था. श्री गौतम गंभीर को ऐसा नहीं करना चाहिए था. इस वीडियो के कमेंट सेक्शन में भुवनेश्वरी ने गौतम गंभीर को टैग करते हुए लिखा कि यह सुनकर बहुत हैरानी हुई कि एक खिलाड़ी जो कई सालों तक उसने साथ में भारत के लिए खेला है, वह इस लेवल तक गिर सकता है. एक्टिव क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के इतने सालों के बाद भी आखिरकार परवरिश बहुत मायने रखती है.
2013 से जुड़ा है सारा मामला
एक वीडियो में श्रीशंत ने यह बताया था कि गौतम गंभीर उन्हें बार-बार उकसा रहे थे. मैंने सिर्फ यही कहा आप क्या कह रहे हो. मैं मजाकिया अंदाज में हंसता रहा. जब अंपायर उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे थे तो उन्होंने उनसे भी इसी भाषा में बात की. उन्होंने आगे कहा मैंने किसी अभद्र शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. कृपया सच का समर्थन करें. वह कई लोग के साथ ऐसा करता रहा है. मुझे नहीं पता है कि उसने यह क्यों शुरू किया. यह ओवर के अंत में हुआ. आपको बता दे कि 2013 में श्रीशांत (S. Sreesanth) पर स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में उनके कथित संलिप्पिता के कारण बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगा दिया लेकिन 2019 में प्रतिबंध को घटाकर 7 साल का कर दिया गया था.