टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) अपने करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलने के लिए काफी बेताब है. आपको बता दे कि धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवा और आखिरी टेस्ट मैच खेला जाना है, जो टीम इंडिया के साथ-साथ रविचंद्रन अश्विन के लिए भी काफी अहम है. इस मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने कई खुलासे किए है और उन्होंने बताया कि किस तरह एक समय ऐसा आया जब उन्हें टीम इंडिया से बाहर निकालने की बात हो रही थी और किस तरह उनके करियर ने दिशा बदली और वह नए मुकाम पर पहुंच गए.
अश्विन ने कही ये बात
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 12 साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ उनका करियर काफी उतार चढ़ाव की स्थिति में था और उन्हें टीम से बाहर निकालने की बात हो रही थी. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ साल 2012 में उनके खिलाफ एलिस्टर कुक और केविन पीटरसन ने काफी रन बनाए थे. घर पर वह सीरीज उनके लिए काफी मुश्किल थी. उस सीरीज के दौरान उन्हें बाहर करने की बातें हो रही थी.
मीडिया में भी अश्विन के खिलाफ काफी कुछ लिखा गया था. अश्विन ने कहा कि इससे वह काफी कुछ सीखने में कामयाब हो पाए और क्रिकेट से ही उन्हें सीखने को मिला. सीखना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में अश्विन ने चार मैंचो में सिर्फ 12 विकेट हासिल किए थे और उनका गेंदबाजी औसत 50 से भी ज्यादा का था. साथ ही साथ उनका इकोनॉमी रेट भी 3 रन प्रति ओवर से ज्यादा का था.
100वें टेस्ट में रचेंगे इतिहास
धर्मशाला में अश्विन जैसे ही खेलने उतरेंगे उनके 100 टेस्ट मैच पूरे हो जाएंगे. आपको बता दे कि अश्विन का करियर 2013 में पूरी तरह बदल गया. जब उस वक्त उन्होंने 41 विकेट हासिल किए. वही 2015 में 62, 2016 में 72 और अब वह 99 टेस्ट मैच में 507 विकेट ले चुके हैं. जैसे ही धर्मशाला में वह 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे, रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) का एक बहुत बड़ा ख्वाब पूरा हो जाएगा.