Barcode History: आज से ठीक 50 साल पहले, 26 जून 1974 को, इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण दर्ज हुआ था। अमेरिका के ओहियो राज्य में स्थित ट्रॉय शहर के एक मार्श सुपरमार्केट में पहली बार किसी प्रोडक्ट पर यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड (यूपीसी) स्कैन किया गया था। यह घटना खुदरा कारोबार में क्रांति लाने वाली साबित हुई। बार कोड को स्कैन कर च्वीइंगम का पैकेट खरीदा गया था।
कैसे हुइ बारकोड की शुरुआत
यूपीसी Barcode की शुरुआत एक साधारण विचार से हुई थी। 1940 के दशक में, नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के एक छात्र नॉर्मन जोसेफ वुडलैंड को सुपरमार्केट में खरीदारी की लंबी लाइनों को देखकर एक बेहतर कैशियर प्रणाली का आइडिया आया। उन्होंने रेत पर बारकोड का एक प्रारंभिक रूप बनाया, जो उस समय तकनीकी रूप से संभव नहीं था।
कुछ दशक बाद, टेक्नोलॉजी में हुए विकास के साथ वुडलैंड के सपने को साकार किया जा सका। 1970 के दशक की शुरुआत में, अमेरिकी खाद्य उद्योग संस्थान (जीसीआई) ने एक मानक Barcode प्रणाली विकसित करने के लिए काम किया। इस प्रणाली को यूपीसी नाम दिया गया। यूपीसी बारकोड में काली और सफेद धारियों का एक पैटर्न होता है, जो हर उत्पाद के लिए विशिष्ट होता है। यह पैटर्न लेजर स्कैनर द्वारा पढ़ा जा सकता है, जिससे उत्पाद की जानकारी तुरंत कैश रजिस्टर पर प्रदर्शित होती है।
26 जून, 1974 को ट्रॉय के मार्श सुपरमार्केट में हुआ पहला स्कैन इतिहासिक था। उस दिन स्कैन किया गया पहला उत्पाद Wrigley’s Juicy Fruit च्यूइंग गम का 10 पैक था। इस स्कैन ने खुदरा बिक्री के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की। यूपीसी Barcode के आने से न सिर्फ कैशियर की प्रक्रिया तेज हुई, बल्कि इन्वेंट्री प्रबंधन और मूल्य निर्धारण में भी काफी सुधार हुआ।
बारकोड क्या है?
Barcode एक मशीन से पढ़ा जाने वाला कोड है जिसमें डेटा को अलग-अलग चौड़ाई और दूरी वाली समानांतर लाइनों में दर्शाया जाता है। यह कोड आमतौर पर उत्पादों की पहचान के लिए उपयोग किया जाता है। बारकोड का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है, जैसे कि रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, और लॉजिस्टिक्स।
यूपीसी Barcode की खासियत यह है कि इसमें काली और सफेद धारियों का एक अनूठा पैटर्न होता है। हर एक Barcode में एक विशिष्ट नंबर एन्कोड किया होता है, जो उस प्रोडक्ट की पहचान करता है। बारकोड स्कैनर इस कोड को पढ़ लेता है और स्वचालित रूप से प्रोडक्ट की जानकारी और कीमत प्राप्त कर लेता है। इससे कैशियर का काम आसान हो गया और बिलिंग की प्रक्रिया बहुत तेज हो गई।
हर प्रोडक्ट पर मिलता है बारकोड
आज, यूपीसी Barcode दुनिया भर में खुदरा बिक्री का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। यह न सिर्फ खाद्य पदार्थों पर, बल्कि लगभग हर उपभोक्ता उत्पाद पर पाया जाता है। यूपीसी बारकोड की सफलता के बाद, कई अन्य प्रकार के बारकोड विकसित किए गए हैं, जिनका उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है।
50 साल बाद, यूपीसी Barcode का आविष्कार हमें यह याद दिलाता है कि कैसे एक सरल विचार तकनीकी विकास के साथ मिलकर क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। यूपीसी बारकोड ने न सिर्फ खुदरा बिक्री को बदल दिया, बल्कि यह आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और डेटा संग्रह में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।