केंद्र सरकार ने शुक्रवार को Social Media प्लेटफॉर्म पर बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) की मौजूदगी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सुचना प्रधोगिकी मंत्रालय ने एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम जैसे प्रमुख मध्यस्थों को नोटिस जारी करते हुए उन्हें देश के भीतर अपने प्लेटफार्मों से ऐसी सामग्री को जल्द से जल्द हटाने का निर्देश दिया गया है।
इस मामले पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यदि ये Social Media प्लेटफॉर्म तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनकी सुरक्षा, जो उन्हें “सेफ हारबर” का दर्जा देती है उन्हें रद्द किया जा सकता है।
मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इसका तात्पर्य यह है कि उन्हें मौजूदा कानूनों और विनियमों के तहत प्रॉस्टिक्यूशन का सामना करना पड़ सकता है। ये Social Media प्लेटफार्मों भले ही वे आपत्तिजनक सामग्री अपलोड नहीं कर रहे है फिर ही उन्हें जवाब देना है। अगर इसका उचित जवाब नहीं दिया गया तो उनकी कानूनी सुरक्षा को हटा दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
चेतावनी नहीं मानने पर की जाएगी कानूनी कार्रवाई
इन Social Media प्लेटफार्मों को भेजे गए नोटिस जल्द से जल्द उनके प्लेटफार्मों पर मौजूद किसी भी सीएसएएम तक पहुंच को हटाने या प्रतिबंधित करने के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर देते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, वे सीएसएएम के भविष्य के प्रसार को रोकने के लिए सामग्री मॉडरेशन एल्गोरिदम और रिपोर्टिंग तंत्र जैसे सक्रिय उपायों के कार्यान्वयन का भी आदेश दिया गया हैं।
2000 का आईटी अधिनियम सीएसएएम सहित अश्लील सामग्री से निपटने के लिए कानूनी ढांचा स्थापित की गयी है। इसके साथ ही मंत्रालय द्वारा ये बह कहा गया है की उलंघन करने वालो को आईटी अधिनियम की धारा 66ई, 67, 67ए और 67बी विशेष रूप से अश्लील या अश्लील सामग्री के ऑनलाइन प्रसारण के लिए कठोर दंड और जुर्माना लगाया जायेगा।
.@GoI_MeitY cracks down on intermediaries over Child Sexual Abuse Material, sends notices to @X, @YouTube & @telegram
⁰“There will be zero tolerance for criminal & harmful content on Indian internet."- MoS @Rajeev_GoI pic.twitter.com/MdL7A0LFtQ
— Ministry of Electronics & IT (@GoI_MeitY) October 6, 2023
राजीव चन्द्रशेखर ने आईटी नीतियों द्वारा शासित एक सुरक्षित और विश्वसनीय ऑनलाइन वातावरण स्थापित करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आईटी अधिनियम के तहत आईटी नियम Social Media मध्यस्थों से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए।”
भारत के साथ अन्य देशों ने भी किया था अनुरोध
इस साल अप्रैल में, भारत उन लीडिंग देशों में से एक था जिसने एक्स ( पहले ट्विटर) से विभिन्न प्रकार के दुर्व्यवहारों से संबंधित सामग्री को हटाने के लिए कहा गया था, जैसे कि बाल यौन शोषण, उत्पीड़न, हैक की गई सामग्री, घृणित आचरण, प्रतिरूपण, गैर- सहमति से नग्नता, हिंसा करने वाले, निजी जानकारी, आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने का प्रचार, संवेदनशील मीडिया, आतंकवाद/हिंसक उग्रवाद और हिंसा। इसके अलावा फ़्रांस, जापान और जर्मनी अन्य देशों में से थे जिन्होंने इसी तरह का अनुरोध किया था।