Fastest Internet: टेक्नोलॉजी के मामले मे दुनिया का कॉपी करने वाला देश चीन ने इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचा दिया है। चीनी कंपनियों ने दुनिया में सबसे तेज़ इंटरनेट नेटवर्क लॉन्च करके एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। चीन ने दुनिया का सबसे तेज इंटरनेट नेटवर्क लॉन्च किया है। यह नेटवर्क एक सेकंड में 1.2 टेराबाइट डेटा ट्रांसमिट कर सकता है, जो कि मौजूदा सबसे तेज इंटरनेट स्पीड की तुलना में दस गुना ज्यादा है। इस नेटवर्क को चाइनीज टेक्नोलॉजी कंपनी हुआवेई टेक्नोलॉजीज ने विकसित किया है।
रिपोर्टों के मुताबिक, चीनी कंपनियां 1.2 टेराबिट प्रति सेकंड डेटा ट्रांसमिशन दर तक पहुंच गई हैं। चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह Internet स्पीड मौजूदा प्रमुख इंटरनेट रूटों से दस गुना से भी ज्यादा है। इस इंटरनेट की स्पीड का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि सिर्फ एक सेकंड में 150 HD फिल्में डाउनलोड की जा सकती हैं।
यह प्रोजेक्ट सिंघुआ यूनिवर्सिटी, चाइना मोबाइल, हुआवेई टेक्नोलॉजीज और सर्नर कॉर्पोरेशन के सहयोग से पूरा किया गया है। अनुमान लगाया गया था कि चीन 2025 में यह Internet स्पीड हासिल कर पाएगा, लेकिन चीनी कंपनियों ने समय से दो साल पहले ही यह सफलता हासिल कर ली है।
इसे बैकबोन नेटवर्क नाम दिया गया है, जो उत्तर में बीजिंग, मध्य चीन में वुहान और दक्षिणी प्रांत गुआंगडोंग तक फैला हुआ है। यह परियोजना 3,000 किलोमीटर तक फैली हुई है और इसमें ऑप्टिकल फाइबर केबलिंग प्रणाली का उपयोग किया गया है। इसे जुलाई में सक्रिय किया गया था और सभी परिचालन परीक्षण पास होने के बाद सोमवार को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया।
इससे पहले, दुनिया भर के तकनीकी विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की थी कि 2025 तक 1 टेराबिट प्रति सेकंड अल्ट्रा-हाई-स्पीड नेटवर्क हासिल नहीं किया जा सकेगा, लेकिन चीन ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है।
चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग से एफआईटीआई के प्रोजेक्ट लीडर वू जियानपिंग ने टिप्पणी की कि सुपरफास्ट लाइन एक सफल ऑपरेशन है और चीन को और भी तेज Internet बनाने के लिए उन्नत तकनीक प्रदान करती है। दुनिया के अधिकांश इंटरनेट बैकबोन नेटवर्क केवल 100 गीगाबिट प्रति सेकंड पर काम करते हैं। अमेरिका में भी पांचवीं पीढ़ी का Internet 400 गीगाबिट प्रति सेकंड पर काम करता है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि नए नेटवर्क का उपयोग चीन द्वारा Internet पर सेंसरशिप और निगरानी को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। चीन में पहले से ही Internet पर सेंसरशिप की गंभीर समस्या है और नए नेटवर्क से चीन की सरकार को ऑनलाइन गतिविधियों पर और अधिक नियंत्रण करने की क्षमता मिल सकती है।