केंद्र सरकार ने Laptop आयात पर प्रतिबंध लगाने के अपने पिछले फैसले पर पुनर्विचार किया है। कॉमर्स सचिव सुनील बर्थवाल ने स्पष्ट किया कि भारत Laptop आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा। अगस्त 2023 में लैपटॉप आयात पर प्रतिबंध लगाने की प्रारंभिक घोषणा को व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा था।
अगस्त में जारी की गयी थी अधिसूचना
आपको बता दें की विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) नेइसी साल अगस्त के महीने में एक अधिसूचना जारी की थी। उस अधिसूचना में कहा गया था की देश में Laptop, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को 31 अक्तूबर से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा। इसका मतलब की 31 अक्तूबर तक ही दूसरे देश से भारत में लैपटॉप, कंप्यूटर आदि को बेचने के लिए मंगाया जायेगा। लेकिन अब इस फैसले को वापस ले लिया गया है। सरकार ने इस फैसले को कई देशों से मिली आलोचनाओं के कारन वापस ले लिए है।
नहीं लगेगी कोई पाबन्दी
बिज़नेस डेटा का अनावरण करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सुनील बर्थवाल ने आश्वासन दिया कि भारत में Laptop और कंप्यूटर पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके बजाय, सरकार विभिन्न आयातकों से आयात खेप की गहन निगरानी करेगी।
अगस्त में पहले के फैसले में Laptop, टैबलेट और कंप्यूटर को 1 नवंबर से लाइसेंसिंग प्रणाली के तहत रखने का सुझाव दिया गया था। सुनील बर्थवाल ने बताया, “हमारा दृष्टिकोण यह है कि Laptop पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है।हम केवल यह कह रहे हैं कि जो कोई भी इन लैपटॉप का आयात कर रहा है, उस पर कड़ी निगरानी रखनी होगी, ताकि हम इन आयातों पर नजर रख सकें। इसके साथ ही उन्होंने कहा की भारत में सरकार द्वारा Laptop और कंप्यूटर के आयात पर लाइसेंस की आवश्यकता नहीं लागू की गयी है, बल्कि केवल उनके आने वाले शिपमेंट की निगरानी करेगा।’
बड़ी Laptop कंपनियों पर पड़ा था असर
सरकार के इस फैसले को वापस लेने से पहले बड़ी लैपटॉप कंपनियों और कंप्यूटर इंडस्ट्री भरी नुकसान झेलना पड़ा है। इसका सबसे ज्यादा असर Apple, Acer, HP, Dell और रिलायंस जियो जैसी कंपनियों पर हुआ था। सरकार के आदेश के बाद आईटी हार्डवेयर उद्योग ने चिंता व्यक्त की और सरकार से पुनर्विचार करने का आग्रह किया। जिसके बाद इस फैसले को वापस लिया गया है। अनुमान है कि भारत सालाना लगभग 7-8 बिलियन डॉलर मूल्य के कंप्यूटर हार्डवेयर से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक आइटम आयात करता है।