भारतीय सरकार के Computer Emergency Response Team (CERT-In) ने Google यूजर्स के लिए हाई-रिस्क वार्निंग जारी की है। CERT-In ने कहा है कि गूगल के कुछ वर्जन में सुरक्षा कमियां पाई गई हैं, जिनका इस्तेमाल साइबर हमलों के लिए किया जा सकता है।
CERT-In ने कहा है कि Google के Chrome ब्राउज़र में एक शून्य-दिन की खामी पाई गई है, जिसका इस्तेमाल साइबर हमलों के लिए किया जा सकता है। इस खामी का इस्तेमाल करके, हमलावर आपके डिवाइस पर बिना आपकी अनुमति के दुर्भावनापूर्ण कोड इंस्टॉल कर सकते हैं।
CERT-In ने कहा है कि Google के Android ऑपरेटिंग सिस्टम में भी एक शून्य-दिन की खामी पाई गई है, जिसका इस्तेमाल साइबर हमलों के लिए किया जा सकता है। इस खामी का इस्तेमाल करके, हमलावर आपके डिवाइस पर बिना आपकी अनुमति के दुर्भावनापूर्ण कोड इंस्टॉल कर सकते हैं।
CERT-In की चेतावनी में कहा गया है कि गूगल क्रोम के 119.0.6045.123 और इससे पहले वाले वर्जन में एक बग है जिसकी मदद से हैकर्स आपके ब्राउजर को रिमोटली कंट्रोल कर सकते हैं और आपकी निजी जानकारी चोरी कर सकते हैं। इन जानकारियों के आधार पर आपको मानसिक और आर्थिक रूप से नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है।
CERT-In ने कहा है कि Google के कुछ अन्य प्रोडक्ट्स में भी सुरक्षा कमियां पाई गई हैं, जिनका इस्तेमाल साइबर हमलों के लिए किया जा सकता है। इन कमियों को ठीक करने के लिए गूगल ने अपडेट जारी किए हैं।
CERT-In ने Google यूजर्स से सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द अपने प्रोडक्ट्स को अपडेट कर लें। CERT-In ने यह भी कहा है कि गूगल यूजर्स को अनजान स्रोतों से एप्लीकेशन डाउनलोड नहीं करनी चाहिए और साथ ही, अपनी निजी जानकारी को ऑनलाइन साझा करने से भी बचना चाहिए।
CERT-In द्वारा जारी की गई वार्निंग काफी महत्वपूर्ण है। CERT-In की वार्निंग से Google यूजर्स को पता चलता है कि उनके डिवाइस पर साइबर हमले का खतरा है। CERT-In द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करके, गूगल यूजर्स अपने डिवाइस को साइबर हमलों से बचा सकते हैं।