India’s MQ-9 Reaper Drone Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दिनों में अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं, इस दौरे वो अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण रक्षा समझौता करने वाले है। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिका से प्रीडेटर (एमक्यू-9 रीपर) ड्रोन्स की खरीददारी को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस हथियारों की सौदेबाजी के लिए ‘कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी’ (CCS) से आखिरी मंजूरी मिलनी अभी बाकि है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा बताया जा रहा है कि Drone को लेकर ये समझौते का बजट 3 अरब डॉलर यानी लगभग 24 हजार करोड़ रुपये का होगा। इस बजट के अंदर 18 ड्रोन्स खरीदे जाएंगे। वही रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से पता चला हैं की गुरुवार को रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक हुई थी जिसमें प्रीडेटर ड्रोन्स को खरीदने के लिए सौदा किया गया। वही मंजूरी के इस प्रस्ताव को अब एक और प्रक्रिया से गुजरना के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी के कन्फ़र्मेशन की जरूरत है। हथियारों के खरीदने के मामलो के लिए DAC रक्षा मंत्रालय की सबसे उच्च निकाय है। लेकिन जितने भी महंगे हथियार देश के लिए खरीदने होते हैं, उसके लिए फाइनल मंजूरी CCS को देना होता है।
भारतीय नौसेना अमेरिका के साथ हो रहे इस रक्षा समझौते में प्रमुख एजेंसी भूमिका निभा रही है। इन ड्रोन्स की खरीददारी के बाद इसमें से 15 ड्रोन्स को भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा। इस ड्रोन का इस्तेमाल नौसेना समुद्र गतविधि समेत जरूरी जगहों पर निगरानी करने और नौसेने के अभियानों को पूरा करने के लिए करेगी। साथ ही तीनों सेनाओं का प्लान है कि फ्यूचर में इसी तरह से मध्यम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले स्वदेशी ड्रोन्स को भी फोर्स में शामिल किया जाए ताकि स्वदेशी ड्रोन को सेना में शामिल करने से स्वदेशी हथियारों को बढ़ावा मिलने के साथ प्रोत्साहन भी मिले।
ड्रोन की क्या है खासियत?
एमक्यू-9 रीपर ड्रोन्स की लंबाई 11 मीटर है वही इसकी पंखों की लंबाई 20 मीटर है। साथ ही इस ड्रोन की खाशियत यह है की ये 27 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। इतना ही नहीं, ये हवा में 444 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ भी सकता है। इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और 1746 किलो के वजन के साथ उड़ने की क्षमता भी रखता है। इस ड्रोन को भारत चीन और पाकिस्तान की हरकतों पर नजर रखने के लिए तैनात करेगा।