सोशल मीडिया दिग्गज Meta ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, मेसेंजर, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फेसबुक, पर सभी निजी संदेशों और कॉलों के लिए डिफॉल्ट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (ई2ईई) लागू कर दिया है। यह सुरक्षा के प्रति Meta की बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यूजर्स को अपने डेटा पर अधिक नियंत्रण प्रदान करता है।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन क्या है?
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन एक सुरक्षा प्रोटोकॉल है जो यह सुनिश्चित करता है कि केवल संदेश भेजने वाला और प्राप्त करने वाला ही संदेश पढ़ सके। इसका मतलब है कि Meta भी संदेशों को पढ़ या डिक्रिप्ट नहीं कर सकता है। यह यूजर्स को अपनी संचार गोपनीयता के बारे में अधिक आश्वस्त रहने में मदद करता है।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन एक सुरक्षा तकनीक है जो संदेशों को केवल भेजने वाले और प्राप्तकर्ता के बीच ही समझने योग्य बनाती है। संदेशों को एक विशेष कोड में परिवर्तित किया जाता है जिसे केवल भेजने वाले और प्राप्तकर्ता के पास मौजूद कुंजियों के साथ ही पढ़ा जा सकता है। इसका मतलब है कि भले ही कोई तीसरा पक्ष, जैसे कि Meta, इंटरनेट सेवा प्रदाता या हैकर, संदेशों को इंटरसेप्ट कर ले, वे उन्हें पढ़ नहीं पाएंगे।
मेटा डिफॉल्ट E2EE क्यों शुरू कर रहा है?
Meta का कहना है कि वह डिफॉल्ट E2EE को लागू कर रहा है क्योंकि कंपनी यूजर्स की गोपनीयता को गंभीरता से लेती है। कंपनी मानती है कि सभी को सुरक्षित रूप से संवाद करने का अधिकार होना चाहिए और E2EE ऐसा करने का एक प्रभावी तरीका है।
मेटा ने यह कदम क्यों उठाया?
यूजर्स की गोपनीयता की सुरक्षा करना: Meta का मानना है कि यूजर्स को अपने डेटा पर नियंत्रण होना चाहिए और यह जानना चाहिए कि उनके संचार सुरक्षित हैं। ई2ईई यह सुनिश्चित करता है कि केवल वही लोग संदेशों को पढ़ सकें जिनके लिए वे भेजे गए हैं।
प्रतिस्पर्धा से आगे रहना: अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जैसे कि व्हाट्सएप और सिग्नल, पहले से ही ई2ईई का उपयोग कर रहे हैं। Meta को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए इस सुविधा को शामिल करने की आवश्यकता थी।
सरकारी दबाव: सरकारें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर एन्क्रिप्शन का अधिक उपयोग करने के लिए दबाव डाल रही हैं ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अपराधों की जांच करना आसान हो सके। हालांकि, Meta ने स्पष्ट किया है कि वह गोपनीयता के पक्ष में है और ई2ईई लागू करने का उसका निर्णय किसी भी सरकारी दबाव का परिणाम नहीं है।
मेटा इस कदम को कैसे लागू कर रहा है?
Meta धीरे-धीरे फेसबुक और मैसेंजर पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को रोल आउट कर रहा है। कंपनी ने घोषणा की है कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन सभी व्यक्तिगत संदेशों और कॉलों के लिए डिफ़ॉल्ट रूप से सक्षम हो जाएगा। यूजर्स को अभी भी ग्रुप चैट और कॉल के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को ऑप्ट-इन करना होगा।