रविवार को एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान PM Modi ने लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध को लेकर चिंता जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले पर गंभीरता से कहा कि लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध, सामाजिक और भू-राजनीतिक तनाव उत्पन्न कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने देश में बढ़ रहे साइबर अपराध की घटनाओ से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की मांग करते हुए कहा कि आतंकवादी संगठन कट्टरपंथ के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं और डार्क नेट, मेटावर्स और क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म जैसे उभरते डिजिटल तरीकों का फायदा उठा रहे हैं। और इनके जरिये लोगो को फसा क्र चुना लगा रहे है।
दुनिया को 5.2 ट्रिलियन डॉलर का हो सकता है नुकसान
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज साइबर अपराधों के मामले में चिंता जताते हुए कहा कि इसके सामाजिक और भौगोलिक प्रभाव हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादी आजकल तकनीक का उपयोग कर रहे हैं और इसका सामाजिक और भौगोलिक आदान-प्रदान हो सकता है। उन्होंने कहा कि साइबर आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथ, मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर ड्रग्स और आतंकवाद तक धन पहुंचाने के लिए नेटवर्क प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साइबर हमलों का देश के सामाजिक ताने-बाने पर भी प्रभाव पड़ सकता है। PM Modi ने आतंकवादियों के तकनीकी उपयोग के बारे में चिंता जताई है।
आगे चिंता जताते हुए PM Modi का कहना है कि साइबर अपराधों के माध्यम से सामाजिक, भू-राजनीतिक प्रभाव हो सकते हैं और इससे निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि विश्व बैंक का अनुमान है कि साइबर हमलों से साल 2019-2023 के दौरान दुनिया को लगभग 5.2 ट्रिलियन अमरीकी डालर का नुकसान हो सकता है।
डीप फेक पर जताया चिंता
इसी इंटरव्यू के दौरान PM Modi ने डीप फेक पर भी चर्चा किया जिसमे उन्होंने कहा की डीप फेक के प्रसार से अराजकता फैल सकती है और समाचार स्रोतों की विश्वसनीयता को नुकसान हो सकता है। साथ ही उन्होंने कहा की इसके बारे में फर्जी खबरें और ‘डीप फेक’ तकनीक का इस्तेमाल सामाजिक अशांति को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसलिए यह मुद्दा हर ग्रुप, हर देश और हर परिवार के लिएएक गंभीर चिंता का विषय है।
Here is my interview with @PTI_News in which I share my thoughts on a wide range of issues, notably India’s G20 Presidency, our efforts to give voice to the Global South, the emphasis on human centric development and more. https://t.co/gZhDJGz5sU
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2023
वही PM Modi ने ये भी कहा की यही कारण है कि हमने इसे प्राथमिकता के रूप में लिया है। आपको बता दें कि, 13 दिसंबर, 2022 को संसद में पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच भारत में 16 लाख से अधिक साइबर अपराध के मामले सामने आए हैं, जिसमें 32,000 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं।
आगे का कदम
PM Modi ने साइबर सुरक्षा के माध्यम के महत्व को समझते हुए इसे मजबूत करने के लिए कदम उठाने का संकल्प दिखाया है। वह यह मानते हैं कि साइबर अपराधों के खिलाफ संघर्ष केवल सरकारी संगठनों के लिए ही नहीं होना चाहिए, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए एक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
PM Modi ने साइबर सुरक्षा के मामले में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है और साइबर अपराधों के प्रभाव को समझने के लिए सामाजिक और भौगोलिक स्तर पर सोचने की महत्वपूर्णता को बताया है। वह यह भी मानते हैं कि इसके बिना हम साइबर सुरक्षा के मामले में पूरी तरह से सफल नहीं हो सकते हैं।