Railway Scam: आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट को हैक करके करीब 30 लाख रुपये की मूल्य में ट्रेन टिकटें बेचने का मामला सामने आया है, जिसमें दिल्ली के एक युवक को गिरफ्तार किया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस हैकिंग मामले के पीछे एक 47 वर्षीय दिल्ली के युवक का हाथ है, जिन्होंने बिना किसी संभावित सहमति के IRCTC की वेबसाइट में घुसकर वहां की टिकटें खरीदने का काम किया।
यह युवक वेबसाइट के सिस्टम में खाली जगहों को पहचानते हुए वहां ट्रेन टिकटें खरीदता और उन्हें दुसरों को महंगे दामों पर बेचता था। इसके जरिए उसने लगभग 30 लाख रुपये की टिकटें बेचीं।
कैसे पता चला इस मामले के बारे में
यह मामला सामने आने पर आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और उस युवक को गिरफ्तार कर उसके पास से हैकिंग के सारे सबूत जुटा लिए है। इसके साथ ही, उस युवक के घर से भी कई संदर्भ मिले हैं, जिनमें विशेष तकनीकी सामग्री और सबूत जुटाए गए हैं, जिससे उसके हाथों की मायने में बड़ी चाल आ सके।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने यह बताया कि युवक के पास हैकिंग के लिए विशेष तकनीकी कौशल थे, जिससे उसने IRCTC की वेबसाइट के सिस्टम को हैक कर अवैध तरीके से टिकटें खरीदी और उन्हें आगे बेचने में सफलता प्राप्त की। इसके साथ ही पुलिस ने पूरे मामले की जानकारी दी है।
कहाँ का है आरोपी?
IRCTC वेबसाइट को हैक करने वाला आरोपी शख्स मोइनुद्दीन चिश्ती उत्तर प्रदेश के दादरी का रहने वाला है। वह ग्रेटर नोएडा के अयोध्या गंज में रेलवे टिकट बुकिंग की दुकान चलाता है। वही पुलिस का कहना है कि चिश्ती दो साल से यह कांड चला रहा था।
इस मामले के संदर्भ में दिल्ली पुलिस ने उस युवक के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर उसे गिरफ्तार किया है। वह अब विशेषाधिकारी जोधपुर उपनगरीय न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि इस खबर के मिलते ही आईपी एड्रेस को ट्रेस करते हुए अयोध्या गंज, दादरी, गौतमबुद्ध नगर पहुंचे, जहां चिश्ती को सोमवार शाम को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह भी कहा कि पूछताछ के दौरान संदिग्ध के पास आगामी दिनों के लिए बुक किए गए 88 ई-टिकट मिले, जिनकी कीमत 1.55 लाख रुपये है।
इस घटना के संदर्भ में आईआरसीटीसी ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने यह घटना को खारिज करते हुए यह कहा है कि वे सुरक्षा के मामलों में हमेशा सतर्क रहते हैं और उनकी टीम ने तुरंत उपयुक्त कदम उठाए हैं। यह मामला एक बार फिर से सुरक्षा की महत्वपूर्णता को सामने रखता है और सरकारी वेबसाइटों की सुरक्षा को मजबूती देने की जरूरत को दर्शाता है।