YouTube का जलवा तो आप सबने देखा ही होगा। YouTube आज के समय में फेम और फॉर्च्यून का एक बड़ा मंच बन गया है। ये वही प्लेटफॉर्म है, जहां आम इंसान भी स्टार बन सकता है। लाखों-करोड़ों व्यूज हासिल कर शानदार जिंदगी जीने का सपना कई युवाओं को YouTube की ओर खींचता है। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर लाखों व्यूज से यूट्यूबर्स कितना कमाते हैं? उनकी इनकम किस आधार पर तय होती है? आज हम उठाते हैं यही पर्दा और समझते हैं यूट्यूबर्स के कमाई का पूरा गणित!
व्यूज से नहीं, CPM होता है राजा
शायद ये जानकर आपको थोड़ा झटका लगे, लेकिन YouTube पर कमाई सिर्फ व्यूज से नहीं होती। असली नायक तो होता है CPM यानी Cost Per Mille, जिसका मतलब होता है 1000 बार विज्ञापन दिखाए जाने पर मिलने वाली राशि। ये सीपीएम कई फेक्टर्स पर निर्भर करता है, जैसे
यूट्यूब चैनल का टॉपिक: कुछ टॉपिक्स, जैसे टेक्नोलॉजी, फाइनेंस या गेमिंग, विज्ञापनदाताओं के लिए ज्यादा आकर्षक होते हैं, इसलिए ऐसे टॉपिक्स वाले यूट्यूब चैनल का सीपीएम अधिक होता है।
व्यूअर्स का लोकेशन: अमूमन अमेरिका या यूरोप जैसे देशों के दर्शकों के लिए सीपीएम ज्यादा होता है, जबकि भारत जैसे देशों के लिए कम होता है।
वीडियो कंटेंट का प्रकार: विज्ञापन के लिए रिस्पॉन्स रेट अधिक होने वाले वीडियो, जैसे प्रोडक्ट रिव्यूज या ट्यूटोरियल, का सीपीएम भी ज्यादा होता है।
तो लाख व्यूज पर कितना कमाई?
अब सवाल आता है कि लाख व्यूज पर आखिर यूट्यूबर्स कितना कमाते हैं? ये तो सीपीएम पर निर्भर करता है, लेकिन ठीक-ठीक हिसाब लगाना मुश्किल है। औसतन दुनियाभर में YouTube का सीपीएम $1 से $10 के बीच होता है। यानी लाख व्यूज पर कमाई $1000 से $10,000 तक हो सकती है। लेकिन भारत में सीपीएम काफी कम होता है, अक्सर 10 रुपये से 50 रुपये के बीच। इसलिए भारतीय यूट्यूबर्स के लिए लाख व्यूज पर 1000 रुपये से 5000 रुपये तक की कमाई का अनुमान लगाया जा सकता है।
CPM के अलावा भी कमाई के रास्ते
CPM (Cost per Mille): ये वो पैसा है जो YouTube आपके वीडियो पर दिखाए जाने वाले हर 1000 विज्ञापनों के लिए आपको देता है। ये CPM अलग-अलग देशों, वीडियो के कंटेंट, और दर्शकों के डेमोग्राफिक्स के हिसाब से बदलता रहता है। भारत में CPM आमतौर पर 1 से 10 डॉलर के बीच होता है।
विज्ञापन: ये भी कमाई को प्रभावित करता है। डिस्प्ले विज्ञापनों (बैनर) से कम कमाई होती है, जबकि वीडियो विज्ञापनों (वीडियो के बीच में दिखने वाले) से ज्यादा कमाई होती है।
स्पॉन्सरशिप: कई यूट्यूबर्स ब्रांड्स के साथ स्पॉन्सरशिप डील करते हैं। इन डील के तहत वो अपने वीडियो में ब्रांड्स का प्रमोशन करते हैं, जिसके लिए उन्हें अच्छा पैसा मिलता है।
चैनल मेंबरशिप और मर्चेंडाइज: यूट्यूबर्स चैनल मेंबरशिप और मर्चेंडाइज बेचकर भी कमाई कर सकते हैं। ये कमाई व्यूज पर सीधे निर्भर नहीं करती, बल्कि दर्शकों की एंगेजमेंट और फैन बेस पर निर्भर करती है।
यह समझना ज़रूरी है कि लाखों व्यूज हासिल करना आसान नहीं होता। कंटेंट क्रिएशन से एडिटिंग तक, यूट्यूबर्स अपनी मेहनत और हौंसले से दर्शकों का दिल जीतते हैं। लाख व्यूज से अच्छी कमाई तभी होती है, जब कंटेंट बेहतरीन हो और फैन बेस मजबूत हो। इसलिए केवल इनकम के चक्कर में YouTube पर आने की बजाय जुनून के साथ वीडियो बनाएं, क्वालिटी
यूट्यूबर्स की कमाई का असली राज
अब सवाल ये उठता है कि सफल यूट्यूबर्स इतना पैसा कैसे कमाते हैं? इसका राज सिर्फ व्यूज में नहीं है, बल्कि दर्शकों की एंगेजमेंट और फैन बेस में छिपा है। सफल यूट्यूबर्स अपने दर्शकों के साथ एक मजबूत रिश्ता बनाते हैं, उनकी जरूरतों को समझते हैं, और उन्हें क्वालिटी कंटेंट देते हैं। ये दर्शक ना सिर्फ उनके वीडियो देखते हैं, बल्कि उनका चैनल सब्सक्राइब करते हैं, स्पॉन्सरशिप वाले वीडियो देखते हैं, और मर्चेंडाइज खरीदते हैं। यही असली इनकम का स्रोत होता है।