Technology: आपने बाजार में तीन तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजट्स को देखा होगा। जिनमें से एक है वाटर रेसिस्टेंस, दूसरा है वाटरप्रूफ और तीसरा है स्प्लैशप्रुफ फोन। लेकिन बहुत से लोगों को इनकी बीच का अंतर नहीं पता होता है। लोग इन तीनों को एक ही तरह का समझते हैं, जिससे उनका भारी नुक्सान हो जाता है। इसी कारण कंपनियां अपनी स्मार्टफोन को वाटर प्रूफ बताकर ग्राहकों को गुमराह कर देती है। ऐसे में आपके लिए यह जरूरी है कि आप वाटरप्रूफ, वाटर रेसिस्टेंट और स्प्लैशप्रुफ का मतलब अच्छे से समझें। इस आर्टिकल में जानेंगे इन तीनों के डिफरेंस के बारे में।
वाटर रेसिस्टेंट फोन क्या होता है?
आपको ये बता दें की वाटर रेसिस्टेंट का मतलब ये नहीं होता है की आपका फोन वाटर प्रूफ है। फोन में वाटर रेसिस्टेंट होने का मतलब होता है कि फोन के अंदर पानी का घुसना मुश्किल है। और अगर पानी की कुछ बूंदें फोन पर गिर भी गई तो इससे कोई नुक्सान नहीं होगा। लेकिन वाटर रेसिस्टेंट फोन होने का ये मतलब नहीं है की अगर आपका फोन पानी गिर जाए या डूब जाए तो उसे कोई नुक्सान नहीं होगा, फोन पानी में गिरने या डूबने से ख़राब हो जाएगा।
क्या होता है वॉटरप्रूफ फोन?
वॉटरप्रूफ स्मार्टफोन ऐसा फोन होता है जो कि गहरे पानी में जाने के बाद भी ख़राब नहीं होता है। यह फोन कुछ मिटर गहरे पानी में गिरने के बाद भी पूरी तरह से फंक्शन मोड में रहता है। इन फोन्स को ज्यादातर अंडर वॉटर फोटोग्राफी के लिए यूज किया जाता है। वहीं आपको बता दें कि आजकल जितने भी कम बजट वाले फोन मार्केट में आ रहे हैं उनमें से ज्यादातर वॉटरप्रूफ नहीं हैं। ये फोन्स ज्यादातर स्प्लैशप्रुफ होते हैं जो पानी में जाने के बाद ख़राब हो जाते हैं।
क्या होता है स्प्लैशप्रूफ स्मार्टफोन?
स्प्लैशप्रूफ स्मार्टफोन को सिर्फ पानी की बूंदों और बरसात के छीटें से बचाने के लिए बनाया जाता है। ऐसे में अगर यह फोन पानी में गिर जाए तो पूरी तरह से डैमेज हो जाता है। इन फोन्स को पानी की कुछ बूंदें ही झेलने के लिए बनाया जाता है। अगर आप स्प्लैशप्रुफ फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं या खरीदने वाले हैं तो ख़ास सावधानी बरते और स्प्लैश प्रूफ फोन को पानी से बचाएं।ऐसे में अब आप जब भी अपना नया स्मार्टफोन खरीदे तो इन तीन चीजों को ध्यान रखकर ही खरीदें नहीं तो आपका फोन ख़राब हो जाएगा और इसे ठीक कराने में आपको ज्यादा नुक्सान झेलना पड़ सकता है।
क्या होता है IP68 रेटिंग?
IP रेटिंग को इंटरनेशनल प्रोटेक्शन रेटिंग के नाम से भी जाना जाता है। आइपी रेटिंग दो अक्षरों का होता है जिससे आपके डिवाइस के सुरक्षा मानक को मापा जाता हैं। इस रेटिंग से डिवाइस की सुरक्षा मानक और उसके स्टैंडर्ड के बारे में पता चलता है। इसके साथ ही इस रेटिंग को दो तरीके से किया जाता है जिसमें पहला ठोस डिवाइस की सुरक्षा और दूसरा है फोन का गीली चीजों से सुरक्षा। आपको बता दें कि IP68 रेटिंग वाले स्मार्टफोन धूल को आसानी से झेल सकते हैं इसके साथ ही यह फोन आधे घंटे तक 1.5 मीटर पानी में भी ख़राब नहीं होते हैं।