WhatsApp यूजर्स के लिए खुशखबरी! दुनिया के सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म में जल्द ही एक धमाकेदार फीचर आने वाला है। WhatsApp अब ग्रुप चैट में पोल क्रिएट करने की सुविधा देने जा रहा है, जिससे ग्रुप में होने वाली बहसों को कम करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलेगी।
फिलहाल, WhatsApp बीटा टेस्टर्स के लिए इस फीचर का ट्रायल कर रहा है। एंड्रॉइड वर्जन 2.24.2.11 के लिए जारी किए गए बीटा अपडेट में यूजर्स को ‘पोल’ क्रिएट करने का ऑप्शन दिखाई दे रहा है। इस फीचर से यूजर्स अपने ग्रुप में एक सवाल पूछ सकते हैं और उसके साथ-साथ कई ऑप्शन भी जोड़ सकते हैं। इसके बाद, ग्रुप के सभी सदस्य अपने वोट डाल सकते हैं और रियल-टाइम में पोल के नतीजे देख सकते हैं।
इस फीचर के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह ग्रुप में होने वाली बहसों को कम करेगा। कई बार ग्रुप में एक ही टॉपिक पर बार-बार चर्चा होती रहती है, जिससे सदस्य तंग आ जाते हैं। लेकिन अब, ग्रुप एडमिन पोल के जरिए आसानी से किसी टॉपिक पर ग्रुप की राय जान सकते हैं और बिना किसी बहस के निर्णय ले सकते हैं।
इसके अलावा, पोल फीचर ग्रुप में एंगेजमेंट बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा। यूजर्स अब ग्रुप में पोल बनाकर सदस्यों से उनकी पसंद और नापसंद के बारे में पूछ सकते हैं, जिससे ग्रुप चैट्स और भी मजेदार बन सकते हैं।
पोल क्रिएशन फीचर
यूजर्स किसी भी ग्रुप में 12 ऑप्शन तक का पोल बना सकेंगे। पोल के साथ एक सवाल या कैप्शन भी जोड़ा जा सकेगा, ग्रुप मेंबर्स पोल में वोट कर सकेंगे और रिजल्ट्स देख सकेंगे। वोटों की संख्या और प्रतिशत भी दिखाया जाएगा, इसके साथ ही पोल क्रिएटर यह तय कर सकता है कि पोल के रिजल्ट्स कौन देख सकता है।
कब किया जायेगा रोलऑउट
WhatsApp के इस फीचर के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि बीटा टेस्टर्स के बाद इसे अन्य यूजर्स के लिए भी रोलआउट किया जा सकता है। बता दें इसके अलावा भी 2.24.2.12 वर्जन के साथ एक फीचर को लेकर टेस्टिंग की जा रही है। यह एंड्रॉइड यूजर्स के सामने वाट्सऐप में आ रहे बग्स को फिक्स करने के लिए लाया जा रहा है।
हालांकि, WhatsApp के इस फीचर के कुछ संभावित नुकसान भी हैं। एक चिंता यह है कि पोल के जरिए फैसले लेने की प्रक्रिया में कुछ सदस्यों की राय दब सकती है। यह खासकर उन ग्रुप्स में हो सकता है जहां सदस्यों की संख्या काफी ज्यादा हो। साथ ही, पोल क्रिएट करने वाले के पास फर्जी वोट डालने की संभावना भी रहती है।
इसलिए, WhatsApp को पोल फीचर को इस तरह से डिजाइन करना चाहिए कि ये नुकसान कम से कम हों। उदाहरण के लिए, WhatsApp इस बात को सुनिश्चित कर सकता है कि एक ग्रुप में एक ही यूजर सीमित संख्या में ही वोट डाल पाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पोल के नतीजे पूरी तरह से पारदर्शी हों।